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देवकीनंदन ठाकुर ने कहा-साधु संतों को शास्त्र के साथ शस्त्र भी रखना होगा, 16 नवंबर को दिल्ली में होगी धर्म संसद

Dharma Sansad in Mathura : मथुरा में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर समेत कई धर्माचार्यों की मौजूदगी में हुई बैठक में साधु संतों ने भरी हुंकार.

मथुरा में साधु संतों की बैठक.
मथुरा में साधु संतों की बैठक. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2024, 5:52 PM IST

मथुरा : वृंदावन के सुदामा कुटीर में साधु संतों की धर्म संसद की बैठक रविवार को आयोजित की गई. जिसमें महामंडलेश्वर धर्माचार्य सहित कथावाचक देवकीनंदन ने दिल्ली में होने वाली 16 नवंबर की धर्म संसद में उठाने वाले मुद्दों पर चर्चा की. साधु संतों ने कहा कि अब समय आ चुका है जब हमें सनातन धर्म की रक्षा के लिए शास्त्र का ज्ञान के साथ-साथ शस्त्र भी उठाना होगा. धर्म संसद में श्री कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा गाय माता को मांस खिलाने का मामला और बालाजी मंदिर के मुद्दे पर अहम बातें रखी जाएंगी.

मीडिया से मुखातिब कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर . (Video Credit : ETV Bharat)

सुदामा कुटीर में हुई बैठक :सनातन न्यास फाउंडेशन के बैनर तले महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज की अध्यक्षता में सुदामा कुटी आश्रम में रविवार को संत सभा का आयोजित की गई. सभा में 16 नवंबर 2024 को दिल्ली में होने वाली सनातन धर्म संसद को सफल बनाने पर विचार हुआ. सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अब समय करो या मरो का है. हमें हर कीमत पर सनातन बोर्ड का गठन सरकार द्वारा कराना है. हिन्दुओं को अपनी शक्ति दिल्ली में दिखाकर ये बताना है कि हिन्दू अब और सहन नहीं करेगा. अन्य साधु-संतों ने कहा गाय माता को राष्ट्र माता का दर्जा और सनातन बोर्ड का गठन हिंदुओं की रक्षा को लेकर आवाज बुलंद की जाएगी.


धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया कि वृन्दावन का संत समाज, धर्माचार्य और हम सब पूरी तरह से इस आंदोलन को सफल बनाएंगे. नाभा पीठाधीश्वर सुतीक्ष्ण देवाचार्य महाराज ने कहा कि अब हिन्दुओं को शास्त्र के साथ शस्त्र भी रखना होगा. अब हमें अपना हक मांगना नहीं है, बल्कि छीनना है. स्वामी गोविन्दानंद तीर्थ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने हमारे सनातन समाज की भारी मात्रा में जमीन कब्जा कर रखी है. अब सनातन बोर्ड बनाकर हमें सनातन धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करनी है.

धर्म सभा की बैठक में मौजूद साधु संत महंत फूलडोल बिहारी दास, स्वामी सत्यमित्रानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप दास, महामंडलेश्वर स्वामी चित्र प्रकाशानंद, स्वामी बलरामाचार्य, पीपा द्वाराचार स्वामी बलराम देवाचार्य, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद, महंत देवानंद परमहंस, महंत, अतुल कृष्ण दास, महंत दशरथ दास, महंत प्रहलाद दास, श्याम सुंदर गौतम आदि उपस्थित रहे.

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