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बनारस में धनतेरस पर ही होते है इस सोने की देवी प्रतिमा के दर्शन, बांटा जाता खजाना, जानिए - MATA ANNAPURNA DARSHAN

Mata Annapurna darshan: धनतेरस से लेकर भैया दूज तक चार दिन माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण स्वरूप का दर्शन होगा.

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माता अन्नपूर्णा देवी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 29, 2024, 1:53 PM IST

Updated : Oct 29, 2024, 5:24 PM IST

वाराणसी: आज धनतेरस का पावन पर्व है. धनतेरस के पावन मौके पर माता लक्ष्मी और धन कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि के पूजन का विधान है. लेकिन, काशी में धनतेरस का दिन भक्तों के लिए बेहद खास होता है. क्योंकि पूरे साल इंतजार करने के बाद भक्तों को धनतेरस से लेकर भैया दूज तक यानी सिर्फ चार दिन माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण स्वरूप का दर्शन होता है.

अन्नपूर्णा मंदिर में स्थापित मां अन्नपूर्णा देवी, लक्ष्मी देवी और भू देवी के साथ भगवान शंकर की रजत प्रतिमा का दर्शन सिर्फ दीपावली के समय ही किया जाता है. आज सुबह मंगल आरती के साथ भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे खोले गए हैं. जिसके बाद कल दोपहर से ही मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में की गई बेरोकेटिंग के अंदर ही भक्त इंतजार करते नजर आए थे. पूरी रात भक्तों ने इसी बैरिकेडिंग में लेट कर और विश्राम करते हुए आज सुबह का इंतजार किया. मंदिर खुलने के साथ पहली झलक पाकर अपने जीवन को धन में किया. अभी भी मंदिर में दर्शन के लिए 2 किलोमीटर से लंबी लाइन लगी है. लाखों भक्त कतार में है.

अन्नपूर्णा मंदिर में भक्तों का सैलाब (Video Credit; ETV Bharat)

काशी में कोई नहीं सोता भूखा:शिव की नगरी काशी जिसका नाम अन्नपूर्णा क्षेत्र सर्वत्र प्रसिद्ध है. लोक में यह भी ख्याति है, कि काशी में अन्नपूर्णा ही सब किसी को भोजन पहुंचा देती है. जिससे कोई भूखा नहीं रह पाता. यदि भगवान शिव जी काशी में विश्वनाथ रूप से विराजमान हैं, तो मां भवानी का अन्नपूर्णा रूप तो रहना स्वाभाविक है. क्योंकि अन्न से पूर्ण हुए बिना विश्व का काम कैसे चल सकता है.

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धनतेरस के दिन खुलते है कपाट: काशीपुरी में काशीपुराधिपति विश्वनाथ को अन्न-धन की भिक्षा देने वाली माता अन्नपूर्णा अपने मंदिर के अनमोल खजाने का द्वार भक्तों के लिए धनतेरस के दिन से खोल देती है. परम्परा के अनुसार धनतेरस के दिन अन्नपूर्णा माता की स्वर्णमयि प्रतिमा का शास्त्रीय पूजन एवं आरती के उपरांत माता अन्नपूर्णा मंदिर मठ के महंत शंकरपुरी महाराज माता के दर्शन के लिए माता अन्नपूर्णा के मंदिर का कपाट खोल देते हैं. मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठाता है. इसी परंपरा का निर्माण करते हुए आज मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन खोल दिए गए हैं. सुबह से ही लगातार जबरदस्त भीड़ के बीच दर्शन पूजन जारी है. काशी में भगवान विश्वनाथ गृहस्थ हैं. उनकी कुटुम्बिनी भवानी (अन्नपूर्णा) हैं. वही समस्त काशीवासियों को मोक्ष की भिक्षा देती हैं.

मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन लिए भक्तों की लगी लंबी कतार (ETV BHARAT)



माता अन्नपूर्णा का दर्शन धनतेरस से लेकर भाई दूज तक: मंदिर के महंत शंकर पुरी का कहना है, कि माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन अद्भुत होता है. सबसे बड़ी बात यह है, कि इस दर्शन की शुरुआत कब हुई, यह किसी को भी नहीं पता. लेकिन, अनादि काल से माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन धनतेरस से लेकर भाई दूज तक यानी सिर्फ चार दिन के लिए होता है. लेकिन, यह पहला मौका होगा, जब माता अन्नपूर्णा के दर्शन का लाभ 5 दिनों तक मिलेगा. क्योंकि इस बार दीपावली को लेकर एक दिन का भ्रमण हो गया है. 31 और 1 तारीख दोनों को अमावस्या का मान है. 1 तारीख को भी मंदिर खुला रहेगा. भक्तों को पांच दिन यानी 5 दिन दर्शन का लाभ मिलेगा. भाई दूज वाले दिन भक्तों के लिए दर्शन बंद हो जाएगा.


सबसे महत्वपूर्ण बात है यह है, कि माता अन्नपूर्णा की इस प्रतिमा का दर्शन करने के साथ ही खजाने का भी वितरण होता है. यह खजाना पांच पैसे, 10 पैसे, 25 पैसे, 50 पैसे, 1 और दो रुपये के सिक्कों के तौर पर होता है. इसके साथ ही धान का लावा भी भक्तों में वितरित किया जाता है. इसकी मान्यता यह है, कि धन को अपने धन की कोठरी में और धान के अलावा अपनी धन्य यानी खाने पीने की जगह रखने से पूरे वर्ष ना धन की कमी होती है न धान्य की. माता अन्नपूर्णा की कृपा पूरे वर्ष बनी रहती है. इसी मान्यता के साथ भक्तों की जबरदस्त भीड़ यहां दर्शन के लिए उमड़ती है. इस वक्त भी सुबह से लगातार भक्तों का रेला मंदिर में पहुंच रहा है.

माता के दर्शन को उमड़ी भीड़ (photo credit: etv bharat)
माता के दर्शन को उमड़ी भीड़ (photo credit: etv bharat)

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Last Updated : Oct 29, 2024, 5:24 PM IST

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