धमतरी ''जल जगार महोत्सव'' की तैयारियां पूरी, रूट चार्ट रेडी, जानिए कहां मिलेगी पार्किंग की सुविधा - Dhamtari Jal Jagar Mahotsav - DHAMTARI JAL JAGAR MAHOTSAV
धमतरी ''जल जगार महोत्सव'' की तैयारियां पूरी हो चुकी है. साथ ही आने-जाने वालों के लिए रूट चार्ट भी तैयार हो चुका है. इसके लिए पार्किंग को लेकर भी खास व्यवस्था की गई है.
धमतरी:जिले में 5 और 6 अक्टूबर को पंडित रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में ''जल जगार महोत्सव'' आयोजित किया जाएगा. जल जगार महोत्सव में आने वाले प्रतिभागी, दर्शक, व्हीव्हीआईपी, व्हीआईपी के लिए रूट चार्ट बनाया गया है. इसके तहत जल जगार महोत्सव में पहुंचने वाले अंबेडकर चौक धमतरी-रूद्री चौक-पहलवान चौक-मरादेव-गंगरेल बस्ती होते हुए जल जगार महोत्सव में पहुंचेंगे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद उसी मार्ग से अपने घर जाएंगे.पार्किंग व्यवस्था 4 जगहों पर की गई है.
अंगारमोती माता के भक्तों के लिए पार्किंग:गंगरेल घूमने आने वाले पर्यटकों और अंगारमोती माता का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रूट एवं पार्किंग व्यवस्था के लिए अलग रूट चार्ट बनाया गया है. इसमें रायपुर, दुर्ग, धमतरी से आने वाले पर्यटक और अंगारमोती माता दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अंबेडकर चौक-रूद्री चौक-पहलवान चौक- बेन्द्रानवागांव-डांगीमाचा-मानव वन ऑक्सीजोन होते हुए गंगरेल पहुंचेंगे.
जिला प्रशासन ने तैयार किया चार्ट: इसी तरह कांकेर, बालोद की ओर से आने वाले पर्यटक और अंगारमोती माता दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु गुरूर-भटगांव-सोरम-डांगीमाचा होते हुए गंगरेल पहुंचेंगे. सभी पर्यटक और श्रद्धालु वापस डांगीमाचा होकर सोरम-गोकुलपुर-अंबेडकर चौक से अपने-अपने घर जाएंगे. गंगरेल घूमने आने वाले पर्यटक और अंगारमोती माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालु के लिए मानव वन एडवेंचर कैंम्प पार्किंग बनाई गई है, जिसमें दोपहिया वाहन एक हजार, कार, पीकअप, ट्रैक्टर्स 200 और बस, मिनीबस 100 वाहनों की पार्किंग की जा सकती है.
धमतरी जल जगार महोत्सव रूट चार्ट (ETV Bharat)
महोत्सव में शामिल होने वालों के लिए खास पार्किंग:
पार्किंग-1: डब्ल्यू.आर.डी.वर्कशॉप के पास गंगरेल कॉलोनी जाने के मार्ग में स्थित मैदान पर पार्किंग व्यवस्था की गई है. इसमें दोपाहिया वाहन 500, कार, पिकअप, ट्रैक्टर्स 100 और बस/मिनीबस 20 वाहनें पार्किंग की जा सकती है.
पार्किंग-2: पुलिस ट्रेनिंग सेंटर को बनाया गया है, जिसमें कार, पिकअप, ट्रैक्टर्स 200, बस, मिनीबस 100 वाहनों की पार्किंग की जा सकती है.
पार्किंग-3: अंगारमोती माता मंदिर पार्किंग में व्हीआईपी के लिए बनाया गया है, जिसमें दोपहिया वाहन 1800, कार, पिकप, ट्रेक्टर्स 780, बस, मिनीबस 20 वाहनों की पार्किंग किया जा सकता है. साथ ही वाटर स्पोर्ट्स जाने के लिए मार्ग बेरियर के पास 50 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गई है.
पार्किंग-4: मानव वन एडवेंचर कैंम्प (ऑक्सीजोन) पार्किंग वाटर स्पोर्ट जाने के प्रवेश द्वार के बेरियर के बाएं तरफ व्हीव्हीआईपी के लिए पार्किंग बनाया गया है, जिसमें 50 वाहन पार्किंग किया जा सकता है.
ताकि नदी को फिर मिल सके पानी:इस बारे में धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि 5 अक्टूबर को जल ओलंपिक, कार्निवाल, जल सभा, नवरात्रि मेला, रूद्राभिषेक, आसमान से कहानी, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन वाटर, प्रदर्शनी एवं सामुदायिक खेल, मैराथन एवं जल ओलंपिक होगा. साथ ही आरू साहू और गरिमा दिवाकर तथा स्वर्णा दिवाकर द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएगी. वहीं 6 अक्टूबर को गंगरेल ट्रेल रन, ड्रोन शो, नवरात्रि मेला और कार्निवाल, सांस्कृतिक संध्यान, कबाड़ से जुगाड़ इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की बहुरूपिया प्रस्तुति और अनुज शर्मा शो सहित अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी. नवरात्रि और कार्निवाल का आयोजन एक समुदाय को एक जगह एकत्रित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. इसके साथ जिले की 108 जल संरचनाओं से पानी एकत्रित कर रूद्राभिषेक किया जाएगा, ताकि नदी का पानी फिर से नदी में ही मिल जाए.
धमतरी ''जल जगार महोत्सव'' की तैयारियां पूरी (ETV Bharat)
जानिए क्या है जल जगार:धमतरी जिले में घटते हुए भूजल स्तर को ध्यान में रखकर जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बीते फरवरी माह से जल जगार महोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत जिले के नगरीय निकायों, ग्रामों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इन कार्यक्रमों में ना केवल जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, बल्कि स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, सामाजिक और स्वैच्छिक संगठन, स्व सहायता समूह और ग्रीन आर्मी की महिलाएं, स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रमों में जिला प्रशासन के अलावा केन्द्र और अन्य राज्यों से आए विशेषज्ञों ने पानी के बचाव, वर्षा जल संचयन के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने, रूफ टॉप स्ट्रक्चर के बारे में लोगों को जानकारी दी गई.
इससे ग्रामीणों को मिलेगा लाभ:साथ ही ग्रामीणों ने भी स्वप्रेरणा से फसल चक्र परिवर्तन अपनाने की शपथ ली. इसमें लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया. एक ओर जहां जिले के उद्योगों सहित अन्य शासकीय एवं निजी भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, रूफटॉप स्ट्रक्चर निर्मित किए गए. वहीं, विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग भी इससे अछूते नहीं रहे. जिले के वनांचल नगरी और मगरलोड के कमार बसाहटों में भी लोग पानी को बचाने के लिए अपने घर से लगे जमीन और खेतों में तालाब, डाईक इत्यादि संरचनाएं तैयार किए, ताकि पानी की कमी ना हो और वर्षा जल के संचयन के साथ ही रोजगार के अवसर भी मिल सके. इन जल संरचनाओं के जरिए वे मछली पालन, खेती इत्यादि व्यवसाय भी कर रहे हैं.