देवास: जिला मुख्यालय से करीब 120 किलो मीटर दूर इकलेरा में मां बिजासन का अतिप्राचीन मंदिर है. यह मंदिर क्षेत्र के हजारों भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. दोनों नवरात्रि में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि यहां पर मूर्ति स्थापना के समय से जो अखंड ज्योति जलाई गई थी, वह आज भी जल रही है.
चट्टान से प्रकट हुई थीं मां बिजासन
लोगों का कहना है कि हजारों साल पहले यहां पर मां बिजासन एक चट्टान को चीरकर प्रकट हुई थीं, जिसके बाद यहां एक भव्य मंदिर बना हुआ है. पुजारी का कहना है कि भक्त माता के दर्शन के साथ उस चट्टान पर भी मत्था टेकते हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार यहां मांगी गई कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती. जो भी श्रद्वालु अपनी मन्नते यहां मांगता है वो मां बिजासन जरूर पूरी करती हैं. पुजारी के मुताबिक मां बिजासन दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. सुबह नन्ही बच्ची का दोपहर में युवती का और शाम को बूढ़ी माता का रूप ले लेती हैं.
ये भी पढ़ें: |