देवास। इन दिनों जिले के कन्नौद वन विभाग पर अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी चरितार्थ हो रही है, क्योंकि वन विभाग की उदासीनता के चलते जंगल में मौजूद पेड़ों की अवैध कटाई धड़ल्ले से की जा रही है. लकड़ी माफिया लगातार जंगल में पेड़ों की कटाई करके वनसंपदा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं वन विभाग अब तक कटे हुए पेड़ के बचे हुए हिस्से तक पहुंच नहीं पाया है. जबकि पर्यावरण संरक्षण के लिए एमपी सरकार द्वारा कई योजनाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज एक पेड़ लगाकर पेड़ लगाने और पेड़ों की सुरक्षा का संदेश दे रहे हैं.
धुंआधार अवैध कटाई
जानकारी के अनुसार इन दिनों जिले के कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल के विभिन्न हिस्सों में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई लगातार जारी है. इस अवैध कटाई में लकड़ी माफिया जुटा है. ऐसा ताजा मामला माथनी बीट के कक्ष क्रमांक 272 डाबरी गांव के पास के जंगल का सामने आया है. जहां लकड़ी माफिया बेखौफ होकर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई करने में जुटे हैं. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सागौन के ठूंठ और लकड़ी के कटे हुए हिस्से साफ दिखाई दे रहे हैं. जिससे यह समझा जा सकता है कि जंगल में किस तरह धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है. बेखौफ लकड़ी माफिया सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई करने के बाद घंटों जंगल में बैठकर सिल्लियां भी बनाते हैं, लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार जंगल में जाना ही उचित नहीं समझते और न ही कोई कार्रवाई कर रहे हैं.
कई ठूंठों पर नंबर भी नही किए अंकित
डाबरी के जंगल में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना बार-बार मिलने पर मौके पर जाकर देखा तो पाया कि जंगल में विशालकाय सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई जारी है. लकड़ी माफिया काम की लकड़ी उठा ले जाते हैं, बाकी अवशेष को वहीं पर छोड़ देते हैं. जिन्हें वन विभाग के कर्मचारी भी नहीं उठाते. साथ ही वन विभाग को इन ठूंठों पर नंबर अंकित करने का भी समय नहीं मिला या जानबूझकर नंबर नहीं डाले. इसके अलावा बेखौफ माफियाओं ने सागौन, पलाश, साजड, धावड़ा सहित अन्य पेड़ो पर बड़ी संख्या में घावटी लगाई है. जिससे कई पेड़ सूख गए हैं और बाकी घावटी लगे पेड़ सूखने की कगार पर हैं.
फेंसिंग कर किया अतिक्रमण
डाबरी गांव के पास जंगल का सफाया कर अतिक्रमण किया जा रहा है, क्योंकि यहां अतिक्रमणकारियों ने सभी प्रजाति के पेड़ और झाड़ियों का सफाया कर उसके ठूंठों को पत्थर से ढंक दिया है. पुराने सूखे ठूठों में आग लगाकर जला दिया है. इन सब के अलावा फेंसिंग कर खेती करने की तैयारी में हैं. इतना सब कुछ होने के बाद भी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक नहीं जागे हैं. इसी तरह से जंगल में कई और अवैध गतिविधियां हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार इस सब से बेखबर हैं.