मध्य प्रदेश

madhya pradesh

शिव भक्त शिवलिंग पर घट स्थापित करते हैं, तो देव शयनी एकादशी के दिन जरूर करें ये काम - Devshayani Ekadashi 2024

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 8:25 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 11:54 AM IST

देवशयनी एकादशी का बड़ा महत्व है. ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से देव सो जाते हैं और इस दौरान शुभ कार्य नहीं होते हैं. इस एकादशी के बाद से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो कि शिव भक्ति करने के लिए खास माना जाता है.

DEVSHAYANI EKADASHI 2024
देवशयनी एकादशी से सो जाते हैं देव (ETV Bharat)

Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन शिव जी के जो भक्त हैं उन्हें ये काम जरूर कर लेना चाहिए. शिव जी के जो भक्त हैं, अगर उन्होंने अब तक शिव जी के ऊपर जो घट स्थापित किया था. उसे नहीं उतारा है तो हर हाल में उतार दें, नहीं तो उनका नुकसान हो सकता है. शिव जी नाराज हो सकते हैं.

देवशयनी एकादशी के दिन जरूर कर लें ये काम

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि बुधवार को देवशयनी एकादशी है. ये एकादशी शिव भक्तों के लिए खास होती है. जो लोग शिव की भक्ति के लिए शिव जी के ऊपर घट स्थापित करते हैं. जिससे बूंद बूंद कर 24 घंटे शिव जी के ऊपर पानी गिरता रहता है. ऐसे शिव भक्त देवशयनी एकादशी के दिन शाम तक हर हाल में उस घट को उतार लें, नहीं तो शिवजी नाराज हो जाएंगे, और शिव भक्तों को नुकसान भी हो सकता है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि देवशयनी एकादशी से शिव जी के ऊपर तीनों लोकों का भार होगा. भगवान विष्णु आज से योग निद्रा के लिए चले जाएंगे और तीनों लोकों का भार शंकर जी के ऊपर रहेगा. ऐसे में शिव भक्त ध्यान रखें कि हर हाल में आज घट भगवान भोलेनाथ के ऊपर से घट उतार लें.

घट को करें विसर्जित

जो भी शिव भक्त हैं. उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए, कि घट को उतारने के बाद मंदिर में न रखें. अगर वहीं घड़ा फूट जाता है या वहीं पर पड़ा रहता है, तो उससे भगवान भोले नाराज हो सकते हैं. उस घट को उतारते ही नदी, तालाब या शुद्ध जगह पर विसर्जित करें. जिससे भगवान भोलेनाथ खुश होते हैं और उनकी कृपा भक्तों पर बरसती रहती है.

यहां पढ़ें...

योगनिद्रा में जा रहे जगत पालनहार भगवान विष्णु, जानिये आषाढ़ी एकादशी पर कैसी होगी पूजा विधि

निर्जला एकादशी पर बनाएं ये चमत्कारी माला, भगवान विष्णु को अर्पित करने से मिलेगा लाभ ही लाभ

आज से चातुर्मास प्रारंभ

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "देवशयनी एकादशी के दिन से ही चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है. चातुर्मास प्रारंभ होते ही शिव जी के समय की शुरूआत हो जाती है. शिव भक्त अगर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो यही वो कुछ महीने होते हैं. जब देवउठनी एकादशी तक भगवान भोलेनाथ की भक्ति करके वो उन्हें जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं. आज से सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे. केवल शिव भक्ति का महीना शुरू हो जाएगा, और इस दौरान शिव भक्ति से संबंधित पूजा पाठ ही होंगी. शिव आराधना महामृत्युंजय जाप जो भी शिव भक्ति को लेकर पूजा पाठ होते हैं, वैसे ही पूजा पाठ होंगे. जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं. इस दौरान वो एकाग्र मन व सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की भक्ति करते हैं, तो भगवान उन पर प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं."

Last Updated : Jul 18, 2024, 11:54 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details