इंदौर : बाबासाहब अंबेडकर की जन्मस्थली महू में कांग्रेस ने 27 जनवरी को 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली' का आयोजन किया. कार्यक्रम में दो लाख लोगों को जुटाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने पूरे प्रदेश में बीते 15 दिन में कड़ी मेहनत की. कांग्रेस ने पार्टी के सभी विंग को लोगों को रैली में लाने का टारगेट फिक्स किया. क्योंकि इस रैली में कांग्रेस पार्टी के सारे दिग्गज नेता शामिल होने वाले थे. किसी भी मामले में भीड़ तय पैमाने से कम न हो, इसके लिए भरसक प्रयास किए गए.
रैली के समापन के बाद नेताजी का सुराग नहीं
दरअसल, रैली के समापन के बाद कुछ लोग किशनगंज पुलिस थाने में पहुंचे और शिकायत की कि उन्हें एक नेताजी रैली स्थल पर लाए थे और वादा किया था कि झंडा लगातार लहराने का काम करना है दो घंटे तक. इसके बदले सभी लोगों को 500-500 रुपये मिलेंगे. जब रैली का समापन हो गया तो इन लोगों ने उन नेताजी की तलाश की रुपयों के लिए लेकिन उनका कोई पता नहीं चला. नेताजी जो नंबर दिया था, वह भी बंद आ रहा है. इन लोगों से नेताजी ने वादा किया था कि रैली स्थल पर काम पूरा होने के बाद आप लोगों को तय रकम दे दी जाएगी और भोजन भी मिलेगा.
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वादाखिलाफी से गुस्साए लोग पहुंचे पुलिस थाने
किशनगंज थाने में आशीष जोशी सहित 15 से 20 लोगों ने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता आशीष जोशी का कहना है "उन्हें एक नेताजी कार्यक्रम में लेकर आए थे. कार्यक्रम में चलने और झंडा उठाने पर ₹500 प्रति व्यक्ति देने का वादा किया था." इस मामले में एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी का कहना है "शिकायती आवेदन आया है. इसमें लोगों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इन लोगों को रैली स्थल पर झूठा वादा करके कौन व्यक्ति ले गया, इसका नाम साफ नहीं हो रहा है. मामले की जांच की जा रही है."