पटना: बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने शुक्रवार को अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वो सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद चुने गये. उनकी जीत ने जदयू के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को प्रमाणित किया. उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपनी नई जिम्मेदारियों की ओर अग्रसर होने का निर्णय लिया.
विधान परिषद् में लंबी सेवा: देवेश चंद्र ठाकुर 2002 से लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2002 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुने जाने के साथ की. इसके बाद, 2008 में जनता दल यू से वे बिहार विधान परिषद् के सदस्य बने. 2008 में वे बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री भी रहे.
लगातार निर्वाचित होते रहे: देवेश चंद्र ठाकुर 2014 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सदस्य के रूप में और 2020 में जनता दल यू से तिरहुत स्नातक क्षेत्र से बिहार विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और उनकी सेवाओं की सराहना की गई.