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चुनावों में गुजरेगा उत्तराखंड का ये साल, लगती हटती रहेगी आचार संहिता, कैसें होंगे विकासकार्य? - Uttarakhand election date sheet

Election Code of Conduct in Uttarakhand, Uttarakhand election date sheet देशभर में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. जिसके कारण देशभर में आचार संहिता लागू है. उत्तराखंड में लोकसभा का चुनाव 19 अप्रैल को खत्म हो चुका है. इसके बाद भी उत्तराखंड में 4 जून तक आचार संहिता लगी रहेगी. 4 जून के बाद उत्तराखंड में कभी भी निकाय चुनाव की घोषणा हो सकती है. जिसके लिए फिर से आचार संहिता लगाई जाएगी. इसके बाद प्रदेश में दो उपचुनाव होने हैं. इसके बाद साल के आखिर में सहकारिता चुनाव होने हैं. जिसके लिए भी आचार संहिता लगेगी. जिसके कारण विकासकार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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चुनावों में गुजरेगा उत्तराखंड का ये साल (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 4, 2024, 6:55 PM IST

Updated : May 4, 2024, 10:52 PM IST

चुनावों में गुजरेगा उत्तराखंड का ये साल (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड के लिए ये साल चुनावों से भरा रहेगा. चिंता इस बात की है कि चुनावी वर्ष में आचार संहिता के बीच धामी सरकार विकास कार्यों को कैसे आगे बढ़ाएगी? साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव से लेकर निकाय, विधानसभा के उपचुनाव और पंचायत चुनाव तक भी इसी साल होने प्रस्तावित हैं. जाहिर है कि साल 2024 में तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाना धामी सरकार के लिए बेहद मुश्किल होगा.

चार जून तक लागू रहेगी आचार संहिता:उत्तराखंड में साल 2024 चुनावी वर्ष है. इस साल देश में लोकसभा चुनाव के अलावा प्रदेश के भी चुनाव होने हैं. नए साल की शुरुआत लोकसभा चुनाव से हुई है. करीब 3 महीने राजनीतिक नीति निर्धारक लोकतंत्र के महापर्व में ही व्यस्त रहेंगे. इस दौरान चुनावी आचार संहिता रहने के कारण भी नए विकास कार्य होना संभव नहीं है. फिलहाल, आगामी जून महीने के पहले सप्ताह तक आचार संहिता लागू रहेगी. सरकार चाह कर भी कोई नया काम नहीं कर सकती. इसके बाद निकाय चुनाव के लिए भी तैयारी की जा रही है. आरक्षण व्यवस्था को लेकर आयोग अपनी रिपोर्ट दे चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के लिए तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है.

जून के आखिर में निकाय चुनाव की घोषणा:माना जा रहा है कि जुलाई महीने में चुनाव के लिए बिगुल बज सकता है. इस तरह देखा जाए तो जून के बाद जुलाई और अगस्त का महीना भी चुनावी आचार संहिता से प्रभावित रहेगा. इस दौरान उत्तराखंड में बदरीनाथ और मंगलोर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं. इस दौरान पूरे प्रदेश में आचार संहिता नहीं रहेगी, लेकिन सत्ता में बैठे नीति निर्धारक इन चुनाव में जीत को लेकर चुनावी व्यस्तता में जरूर रहेंगे. इसके बाद साल के अंत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी प्रस्तावित हैं. इस तरह देखा जाए तो यह पूरा साल चुनाव के ही इर्द-गिर्द घूमता दिखाई देगा. इसके अलावा सहकारिता के चुनाव भी इसी वर्ष प्रस्तावित हैं.

राज्य सरकार के सामने खड़ी कई चुनौतियां:उत्तराखंड में हो रहे चुनाव के दौरान राज्य सरकार को भी अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में जनता तक संदेश देना होगा. ऐसे में सरकार की कोशिश आचार संहिता हटने के बाद जल्द से जल्द कुछ बड़े निर्णय करने की भी होगी. उत्तराखंड में चुनाव के अलावा चार धाम यात्रा में इस बार उम्मीद से ज्यादा यात्रियों के आने, मानसून के दौरान ज्यादा बारिश होने की संभावना और मौजूदा समय में वनाग्नि की समस्या भी धामी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. सरकार का पूरा ध्यान इन कुछ महत्वपूर्ण बातों पर भी होगा. ऐसे में सरकार के लिए इन सभी चुनौतियों का सामना करना और विकास कार्यों को भी आगे बढ़ाना काफी मुश्किल होगा.

विकासकार्यों के लिए वन नेशन वन इलेक्शन का तर्क:साल 2024 में पूरे साल एक के बाद एक चुनाव प्रदेश की राजनीति को तो गर्म रखेंगे, लेकिन, विकास कार्यों को भी काफी हद तक प्रभावित करेंगे. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी का अपना एक अलग तर्क है. साल 2024 सरकार के लिए विकास कार्यों को लेकर चुनौतीपूर्ण रहेंगे. इस सवाल पर भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा आचार संहिता के दौरान काम नहीं किया जा सकता, इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार वन नेशन वन इलेक्शन की परिकल्पना को साकार करने की बात कहते रहे हैं. उन्होंने कहा सरकार विकास कार्यों को जितना संभव होगा उतना करने की कोशिश करेगी, लेकिन देश के प्रधानमंत्री का वन नेशन वन इलेक्शन की योजना ऐसी ही विकास में बाधा डालने वाली चुनावी प्रक्रिया को कम करने की है.

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर फोड़ा ठीकरा:इस मामले में कांग्रेस राज्य सरकार के आचार संहिता के दौरान कम ना कर पाने की बाध्यता को लेकर अपना नया तर्क देती है. कांग्रेस की मानें तो सरकार ने निकाय चुनाव समय पर नहीं कराये. इसीलिए अब इस साल कानूनी बाध्यता के कारण उन्हें चुनाव कराने होंगे, लेकिन यदि सरकार अपनी तैयारियां पूरी रखती तो इन कामों को समय से निपटाया जा सकता है.

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Last Updated : May 4, 2024, 10:52 PM IST

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