श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर (उत्तराखंड) और आईसीएआर- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेंपरेट हॉर्टिकल्चर (सीआईटीएच) श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच शोध कार्यों में सहयोग बढ़ाना और एक-दूसरे की विशेषज्ञता से लाभान्वित करना है.
शोध एवं शिक्षा में होगा सहयोग: इस समझौते के तहत दोनों संस्थान अपने शोध कार्यों को साझा करेंगे और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से नई परियोजनाओं पर काम करेंगे. एमओयू में गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एलाइड साइंसेज के तहत जूलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, वनस्पति विज्ञान, बागवानी, वानिकी, प्लांट फिजियोलॉजी और इकोलॉजी जैसे विषयों को शामिल किया गया है.
बागवानी में मिल का पत्थर साबित होगा एमओयू: वहीं, दूसरी ओर आईसीएआर-सीआईटीएच समशीतोष्ण बागवानी फसलों पर केंद्रित शोध कार्य करता है. यह साझेदारी कीट विज्ञान, बागवानी और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को गति प्रदान करेगी. इस सहयोग से गढ़वाल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और छात्रों को उन्नत बागवानी तकनीकों एवं संसाधनों तक पहुंच मिलेगी. जबकि, आईसीएआर-सीआईटीएच को ताजा शैक्षणिक दृष्टिकोण और व्यावहारिक समाधान विकसित करने में सहायता मिलेगी.
कृषि क्षेत्र को मिलेगा भी फायदा: इस एमओयू के माध्यम से नई कृषि तकनीकों पर काम किया जाएगा. जिससे किसानों को ज्यादा लाभदायक और टिकाऊ खेती के तरीकों की जानकारी मिल सकेगी. यह साझेदारी कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. कीट प्रबंधन और उन्नत फसल उत्पादन में मददगार साबित होगी. वहीं, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय और आईसीएआर सीआईटीएच के बीच इस करार को काफी अहम माना जा रहा है. जिसका सीधा लाभ दोनों संस्थानों को मिलेगा.
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