नालंदा: देव साहब, इसी नाम से उनके फैंस उन्हें जानते थे. हिंदी सिनेमा के स्टाइलिश एक्टर देव आनंद की आज पुण्यतिथि है. 13 साल पहले आज ही के दिन (3 दिसंबर 2011) उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था. हिंदी सिनेमा के रोमांटिक अभिनेता से जुड़े कई किस्से हैं. बिहार से जुड़ा भी एक किस्सा हैं, जो लोग कम ही जानते हैं.
देव आनंद साहब को नहीं भूल सकता बिहार : बात 1970 की हैं, यानी आज से 54 साल पहले देव आनंद साहब की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' रिलीज हुई थी. इस फिल्म में मुख्य किरदार में देवानंद और अभिनेत्री हेमा मालिनी थी. यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही. फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से बिहार की यादें भी जुड़ी हुई हैं. फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में मौसम खराब होने की वजह से 10 दिनों तक फिल्म के क्रू को यहां रूकना पड़ा था.
नालंदा के खंडहर में हुई थी 'ओ मेरे राजा' की शूटिंग : इस फिल्म का एक गाना 'ओ मेरे राजा, खफा न होना, देर से आई, दूर से आई, वादा तो निभाया, इंतजार के इक-इक पल का बदला लूंगा. ऐसा भी क्या..' की शूटिंग प्राचीन नालंदा विवि के भग्नावशेष (खंडहर), नालंदा रेलवे स्टेशन और राजगीर के विश्व शांति स्तूप को जाने वाले रज्जू मार्ग के रोप-वे पर हुई थी.
मौसम खराब था, इसलिए 10 दिन में हुई शूटिंग :आज भी नालंदा में लोग बड़े गर्व से उन दिनों की चर्चा करते हैं. नालंदा के सूरजपुर गांव निवासी अमरेंद्र सिंह, आज 70 वर्ष के हैं, शूटिंग के वक्त उनकी उम्र 16 वर्ष थी. वे शहर में हैंडीक्राफ्ट्स की दुकान चलाते थे. अमरेंद्र उन दिनों को याद कर बताते हैं कि ठंड का मौसम था. सिर्फ 5 दिन के लिए शूटिंग की इजाजत मिली थी. लेकिन मौसम खराब था. इसलिए 'ओ मेरे राजा की शूटिंग' में 10 दिन लग गए.
''उन दिनों आसपास के गांव और जिले से लोग शूटिंग देखने पहुंचे थे. उन दिनों 20 पैसा नालंदा खंडहर का किराया था. लेकिन जैसे ही फिल्म का गाने की शूटिंग खत्म हुई, किराया बढ़कर 50 पैसे कर दिया गया. आज इसका 40 रुपए किराया है, जबकि विदेशी सैलानियों के लिए यह 600 रुपए है.''- अमरेंद्र सिंह, निवासी, नालंदा
'देव साहब की एक झलक के लिए पागल हो रहे थे लोग' : नालंदा शहर के मुजफ्फरपुर गांव निवासी चंदू मिस्त्री (74 वर्ष) बताते हैं, उस समय वे साल साल के थे. गार्डनर अटेंडर के तौर पर काम करते थे. अब रिटायर्ड हो चुके हैं. चंदू बताते हैं कि ''उन उस काफी देव आनंद साहब को देखने के लिए काफी भीड़ थी. शूटिंग के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा थी. बड़े, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं भी शूटिंग देखने पहुंची थी. लोग उन्हें देखने के लिए पागल हो रहे थे''
'उस दिन देव आनंद की एक झलक देखी थी' : नालंदा शहर में चाय और समोसे की दुकान चलाने वाले धुरी लाल (78 वर्ष) बताते हैं कि, लोगों से पता चला कि देव आनंद और हेमा मालिनी की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' का एक गाना यहां शूट किया गया था. उस दिन बहुत भीड़ था, दूर से देव आनंद साहब की एक झलक देखने को मिली. हमारे शहरे में फिल्म की शूटिंग हुई थी. इसलिए जब फिल्म रिलीज हुई तो सिनेमा हॉल में दो-तीन बार जाकर देखा.
''उस दिन दुकान छोड़कर शूटिंग देखने चले गए. देखा कि देव आनंद ब्रीफ़केस (बैग) लेकर नीचे उतर रहे हैं और पुलिस उनके पीछे दौड़ रही है. शूटिंग का तीसरा दिन था. काफी भीड़ देव आनंद और हेमा मालिनी को देखने आती थी. इस कारण मेरे दुकान के चाय समोसे भी काफी बिकते थे.''- धुरी लाल, दुकानदार, नालंदा
हेमा मालिनी न्यूकमर थीं :फिल्म की एकट्रेस को बहुत कम लोग जानते थे. इसलिए लोग सिर्फ देव साहब की एक झलक देखना चाहते थे. हेमा मालिनी न्यूकमर थीं, इसलिए ज्यादातर लोग उन्हें नहीं जानते थे. 'जॉनी मेरा नाम' में देव आनंद और हेमा मालिनी ने पहली बार साथ में काम किया था. फिल्म समीक्षक बताते हैं कि साल 1970 में रिलीज इस फिल्म ने सबसे ज्यादा कमाई की थी. 1970 में देव आनंद 47 साल के थे, जबकि हेमा मालिनी 22 साल की थीं.