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कोडरमा में कांटे की टक्कर! भाजपा की अन्नपूर्णा का इंडिया गठबंधन के विनोद से है सीधा मुकाबला, मुद्दे और समीकरण तय करेंगे रिजल्ट - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Koderma Lok Sabha Seat. पांचवें चरण में झारखंड में कोडरमा सीट पर वोटिंग होने वाली है. यह वीआईपी सीट मानी जाती है. यहां से केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में हैं, वहीं भाकपा माले से विनोद सिंह उन्हें टक्कर दे रहे हैं. वनोद सिंह को जीताने के लिए पूरा विपक्ष एक जुट हो गया है. इधर खुद पीएम मोदी यहां आकर चुनावी सभा कर चकु हैं.

Koderma Lok Sabha Seat
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 18, 2024, 6:34 PM IST

रांची: झारखंड में कोडरमा, चतरा और हजारीबाग सीट के लिए 20 मई को दूसरे चरण का मतदान होना है. इस फेज में कोडरमा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है. इसकी वजह हैं मोदी सरकार में राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी. कभी राजद सुप्रीमो लालू यादव की सबसे करीबी मानी जाती थीं. लेकिन 2019 के चुनाव से ठीक पहले राजद छोड़कर भाजपा में चली गईं. इसका उन्हें फायदा भी मिला. पूरे राज्य में रिकॉर्ड वोट के अंतर से जीत हासिल कर केंद्र में मंत्री बन गईं.

लेकिन इस बार का चुनावी समीकरण बिल्कुल अलग है. अन्नपूर्णा देवी का सामना बगोदर से भाकपा माले के इकलौते विधायक विनोद कुमार सिंह से है. वह इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी है. वह झारखंड से सर्वश्रेष्ठ विधायक भी रह चुके हैं. झारखंड कीराजनीति में उन्हें बेदाग छवि वाला राजनेता कहा जाता है. कॉमरेड स्वर्गीय महेंद्र सिंह के पुत्र के नेता उनकी समाज में अलग पहचान है.

कोडरमा लोस का विधानसभावार समीकरण

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में कोडरमा में भाजपा, बरकट्ठा में निर्दलीय अमित कुमार यादव, धनवार में जेवीएम से बाबूलाल मरांडी, बगोदर से भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह, जमुआ से भाजपा के केदार हाजरा और गांडेय से झामुमो के सरफराज अहमद की जीत हुई थी. बरकट्टा विधायक अमित कुमार यादव एनडीए के समर्थन में हैं. जबकि बाबूलाल मरांडी अब भाजपा में हैं. इस लिहाज से छह सीटों में से चार विधानसभा सीटें एनडीए के पास हैं तो दो सीटें इंडिया गठबंधन के पास. इस लिहाज से भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है.

कोडरमा लोस की विस सीटों पर किसको मिली थी बढ़त

2019 के चुनाव में भाजपा की अन्नपूर्णा देवी के सामने जेवीएम के बाबूलाल मरांडी थे. वहीं भाकपा माले के राजकुमार यादव ने ताल ठोककर महगठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी थी. नतीजतन, अन्नपूर्णा देवी को सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में एकतरफा बढ़त मिली थी. इसकी बदौलत अन्नपूर्णा देवी को कुल 7,53,016 वोट मिले थे. वहीं जेवीएम और माले के खाते में कुल 3,65,623 वोट गये थे. इस लिहाज से भी अन्नपूर्णा देवी को जेवीएम और माले की तुलना में 3,87,393 वोट की बढ़त थी.

बागी जयप्रकाश वर्मा क्या बन रहे हैं फैक्टर

लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या झामुमो से टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे जयप्रकाश वर्मा वोट काटवा साबित हो सकते हैं. क्योंकि कुशवाहा समाज पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. जाहिर है कि इस वोट बैंक में सेंध लगने से भाजपा को नुकसान होगा. लेकिन भाजपा ने जयप्रकाश वर्मा के भगीना दिलीप वर्मा को गांडेय विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सामने उतारकर कुशवाहा समाज की नाराजगी काफी हद तक दूर कर दी है. भाजपा का एक और प्लस प्वाइंट है कि कोडरमा से पूर्व सांसद रहे रीतलाल वर्मा के पुत्र प्रणव वर्मा भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

पीएम मोदी और तेजस्वी लगा चुके हैं जोर

पिछले दिनों पीएम मोदी ने बगोदर विधानसभा के पेशम में चुनावी सभा कर अन्नपूर्णा देवी के लिए वोट मांगा था. वहीं से गांडेय विधानसभा प्रत्याशी दिलीप वर्मा और गिरिडीह लोस सीट के लिए आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी का हाथ मजबूत करने की अपील की थी. यहां उन्होंने नक्सलवाद, भ्रष्टाचार और लेफ्ट पार्टियों की नीति को मुद्दा बनाया था. पीएम मोदी ने कहा था कि आपको सांसद को नहीं मोदी को जीताना है.

वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव के पुत्र तेजस्वी ने कोडरमा के पिपचो और गांडेय के छोटकी खरगडीहा में चुनावी सभा की थी. उन्होंने अन्नपूर्णा पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए सबक सिखाने की अपील की थी. साथ ही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए थे.

कोडरमा में कौन से मुद्दे हैं हावी

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में तीन जिलों की छह विधानसभा सीटें हैं. इनमें कोडरमा से एक, हजारीबाग से बरकट्ठा और गिरिडीह से जमुआ, धनवार, बगोदर और गांडेय सीट शामिल है. इन तीनों जिलों में पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है. खासकर गिरिडीह में. यहां से बड़ी संख्या में लोग रोजी रोटी के लिए देश के दूसरे प्रदेशों मसलन महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में जाते हैं. जबकि बड़ी संख्या में लोग अरब देशों में भी मजदूरी कर रहे हैं.

दूसरे प्रदेशों में उनपर हो रहे शोषण की खबरें आती रहती हैं. कोडरमा की पहचान अभ्रक और कोयला खदान की वजह से होती है. लेकिन अभ्रक की खदानें की बंद हो चुकी हैं. गिरिडीह की दो कोयला खदानों में से एक ओपन कास्ट माइंस लंबे समय से बंद पड़ा है.

मौजूदा समीकरण बता रहे हैं कि कोडरमा में इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकता है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर होने के आसार हैं. इसमें सबसे बड़ा फैक्टर यादव वोटरों को माना जा रहा है. राजद से नाता तोड़ने के बावजूद पिछली बार यादवों ने अन्नपूर्णा देवी को सपोर्ट किया था. अगर, इस पॉकेट में विनोद सिंह सेंध लगाने में सफल रहे तो नतीजा चौंकाने वाला आ सकता है.

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