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गृहमंत्री विजय शर्मा एट्रोसिटी मामले में दोष मुक्त, वकील बोले षड़यंत्र रचकर हत्या करने की थी साजिश - Deputy CM Vijay Sharma Atrocity - DEPUTY CM VIJAY SHARMA ATROCITY

Deputy CM Vijay Sharma Acquitted कवर्धा जिला अदालत ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा और बीजेपी जिला उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी को बड़ी राहत दी है.एट्रोसिटी मामले में दोनों ही आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त किया है.VIJAY SHARMA ACQUITTED IN ATROCITY CASE

Deputy CM Vijay Sharma acquitted
एक्ट्रोसिटी एक्ट मामले में विजय शर्मा दोषमुक्त

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 28, 2024, 6:38 PM IST

गृहमंत्री विजय शर्मा एट्रोसिटी मामले में दोष मुक्त

कवर्धा : छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री और कवर्धा विधायक विजय शर्मा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. एट्रोसिटी एक्ट के मामले में जिला अदालत सेशन कोर्ट ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के पक्ष में फैसला सुनाया.कोर्ट ने एट्रोसिटी एक्ट के मामले में दोनों ही आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया.

क्या है कोर्ट का कहना ? :कोर्ट ने माना कि विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी दोनों ने खाद्य अधिकारी के पास ग्रामीणों का राशन कार्ड बनवाने के लिए गए थे.जो एक जनहित से जुड़ा काम था. जो भी आरोप पीड़ित ने लगाए वो पक्षकार ने घटना के तुरंत बाद पुलिस में दर्ज नहीं कराई.बल्कि एक माह बाद मामले की शिकायत हुई. जिस पर विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. जनहित कार्य को लेकर शिकायत लेकर जाना कोई गुनाह नहीं है. इसलिए कोर्ट इस मामले में दोनों आरोपी विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी को दोषमुक्त कर दिया.



क्या था मामला :साल 2021 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान तत्कालीन जिला पंचायत सभापति विजय शर्मा और बीजेपी जिला उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी हितग्राहियों का राशनकार्ड बनवाने खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम के पास गए थे. इस दौरान अरुण मेश्राम और जनप्रतिनिधियों के बीच कहासुनी हुई. इस बात से नाराज खाद्य अधिकारी ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ कोतवाली थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई. इस घटना के एक माह बाद कवर्धा में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ा. जिसमें पुलिस ने एक हजार से ज्यादा उपद्रवियों पर एफआईआर की.

नई एफआईआर में पुराना मामला भी जोड़ा :इस एफआईआर में विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ भी नामजद रिपोर्ट लिखी गई. पुलिस ने जब दोनों को गिरफ्तार किया तो पुलिस ने खाद्य अधिकारी पर जातिसूचक गाली गलौच के आरोप में एट्रोसिटी एक्ट की धारा भी लगा दी.जिसकी वजह से दोनों के उपद्रव मामले में जमानत मिल गई,लेकिन 15 दिनों तक कवर्धा और रायपुर की जेल में रहना पड़ा.जब दोनों जमानत पर बाहर आए तो तीन साल केस चला. जिसमें दोनों को आरोप मुक्त किया गया है.कोर्ट का फैसला आने के बाद विजय शर्मा ने इसे सच्चाई की जीत बताया.

''हमें न्याय पालिका पर पूरा भरोसा था कि सच की जीत होगी सो आज हो गई. जिस मामले में फैसला सुनाया गया है वो मामला पूरी तरह राजनीतिक प्रेरित था. तत्कालीन कांग्रेस के मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के खिलाफ आवाज उठाने पर मामला बना. विपक्ष के नेता पर फर्जी एफआईआर दर्ज करना सरपंचों को धारा 40 में फंसाकर दबाव की राजनीतिक की जा रही थी. लेकिन अब ना उनका शासन रहा ना उनका फर्जी अपराध. सत्यमेव जयते सत्य की जीत हुई हैं.''- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम

राजनीतिक प्रतिद्वंदिता समाप्त करने की थी साजिश : वहीं इस मामले में विजय शर्मा के वकील ने कहा कि जो भी मामले विजय शर्मा के खिलाफ बनाए गए वो फर्जी थे.क्योंकि पहले आवेदन में एट्रोसिटी को लेकर कोई बात नहीं थी.बाद में दबाव बनाकर आवेदन डलवाया गया.जिसे कोर्ट ने भी माना.वहीं 2018 में कांग्रेस सरकार आने के बाद से ही अलग-अलग कई मामलों में फसा दिया गया.गिरफ्तारी के बाद भी रातों रात वांटेड क्रिमिनल जैसा बर्ताव किया गया.जबकि किसी भी मामले में सजा नहीं हुई थी.रातों रात कवर्धा से रायपुर और रायपुर से कवर्धा जेल लाने ले जाने का खेल चलता रहा.जो इस बात का सूचक है कि विरोधी चाहते थे कि इस दौरान कोई दुर्घटना हो जाए और जीवन समाप्त किया जाए.ताकि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता ही समाप्त हो जाए.

आपको बता दें कि जेल से बाहर आने के बाद विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के पक्ष में बड़ा माहौल तैयार हो गया था.लिहाजा बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में विजय शर्मा को कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ मैदान में उतारा.नतीजा ये हुआ कि मोहम्मद अकबर बुरी तरह से चुनाव हार गए.

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