ऊना:लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन मंडी संसदीय सीट से हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और शिमला संसदीय सीट से कसौली विधायक विनोद सुल्तानपुरी का टिकट लगभग फाइनल है. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इसके साफ-साफ संकेत दिए है. दरअसल ऊना दौरे पर पहुंचे डिप्टी सीएम ने कहा मंडी संसदीय सीट से विक्रमादित्य सिंह और शिमला संसदीय सीट से विनोद सुल्तानपुरी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, कांग्रेस की ओर से हिमाचल के लिए प्रत्याशियों का लिस्ट जारी नहीं हुआ है.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "हिमाचल की कांग्रेस सरकार गिरने वाली नहीं है, बल्कि स्थिर और टिकाऊ सरकार है. लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति और मजबूत होगी. जबकि 6 विधानसभा उपचुनावों के बाद हिमाचल प्रदेश में पांच और उपचुनाव आने वाले हैं, जिनमें से तीन निर्दलीयों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव होगा. जबकि मंडी संसदीय क्षेत्र से विक्रमादित्य सिंह के चुनाव जीतने के बाद शिमला ग्रामीण और शिमला क्षेत्र से विनोद सुल्तानपुरी के चुनाव जीतने के बाद कसौली की सीट खाली होगी. जिसके चलते इन दो विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होंगे".
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "सभी 11 उपचुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या 40 से भी ऊपर चली जाएगी. वहीं, मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत के बयान पर उन्होंने पलटवार किया. डिप्टी सीएम ने कहा, "भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद कंगना रनौत ने कहा था कि उनके सामने कोई युवा प्रत्याशी होना चाहिए तो कांग्रेस अपना युवा चेहरा विक्रमादित्य सिंह इस चुनाव मैदान में उतार रही है. मुकेश ने कहा कि इस खेल को शुरू भाजपा ने किया था, लेकिन अंत कांग्रेस करेगी".
बता दें किउपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले के दौरे पर कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा, "देवभूमि हिमाचल प्रदेश में करीब 15 महीने पहले चुनी गई सरकार को गिराने का आर्किटेक्चर और डिजाइन भाजपा ने तैयार किया था और इसमें जयराम जैसे नेताओं ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भाजपा का ऑपरेशन लोटस औंधे मुंह गिर गया. जनादेश से चुनी गई सरकार को गिराने का प्रयास करने पर लोगों में भाजपा के प्रति भारी आक्रोश है".