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Fake NEET Certificate Case: हिमाचल के छात्र की गिरफ्तारी के बाद AIIMS डायरेक्टर ने छात्रों और अभिभावकों को दी ये सलाह - AIIMS MADURAI FAKE NEET CERTIFICATE

फर्जी NEET सर्टिफिकेट मामले में हिमाचल का छात्र तमिलनाडु में गिरफ्तार हुआ है. जो फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में है.

HIMACHAL FAKE NEET CERTIFICATE CASE
फेक NEET सर्टिफिकेट मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 1:30 PM IST

शिमला: बीते हफ्ते हिमाचल प्रदेश का एक छात्र नकली NEET सर्टिफिकेट के साथ तमिलनाडु में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक ये छात्र नकली NEET सर्टिफिकेट के साथ एम्स मदुरै में एमबीबीएस में एडमिशन पाने की कोशिश कर रहा था. एम्स प्रबंधन को जैसे ही छात्र के फेक सर्टिफिकेट का पता चला तो उन्होंने छात्र के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद आरोपी छात्र को तमिलनाडु की रामनाथपुरम केनिकराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि एम्स प्रशासन ने इस मामले में अभिभावकों से लेकर छात्रों तक को बड़ी हिदायतें दी है.

एम्स CEO ने कही बड़ी बात

एम्स मदुरै के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने छात्रों के साथ अभिभावकों से भी जागरूक रहने की अपील की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए एम. हनुमंत राव ने NEET सर्टिफिकेट्स में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने छात्रों और अभिभावकों दोनों को ही फ्रॉड से बचने के लिए ये सलाह दी है.

एम. हनुमंत राव, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंड CEO, AIIMS मदुरै (ETV Bharat)
  1. NEET की ऑफिशियल वेबसाइट से ही सभी सर्टिफिकेट्स डाउनलोड करें.
  2. NEET की ऑफिशियल वेबसाइट से ही सही मार्क्स कार्ड और अलॉटमेंट लेटर डाउनलोड करें.
  3. इस तरह के फ्रॉड से बचें और NEET की वेबसाइट से ही सही मार्क्स कार्ड और अलॉटमेंट लेटर प्राप्त करें.
  4. फ्रॉड सर्टिफिकेट से पैसा और समय बर्बाद करने के बजाए सही तरीके से एम्स में प्रवेश पाएं.
  5. छात्रों के साथ अभिभावकों को भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इस तरह का फ्रॉड करना अपराध है.
ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में कैसे पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, फर्जी NEET सर्टिफिकेट को लेकर AIIMS डायरेक्टर ने कही बड़ी बात

क्या है पूरा मामला?

दरअसल कुछ दिन पहले हिमाचल का एक छात्र अपने पिता के साथ एम्स मदुरै में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए पहुंचा. जहां पर जब एम्स प्रबंधन ने उसके NEET सर्टिफिकेट की जांच की तो वो फर्जी पाया गया. प्रबंधन ने NEET की वेबसाइट में भी छात्र का नाम सर्च किया, जो कि उन्हें नहीं मिला. जिसके बाद जांच में ये बात सामने आई की छात्र को NEET एग्जाम में 720 में से सिर्फ 60 अंक प्राप्त हुए थे. जिसे उसने ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड कर एडिट किया था. फेक NEET सर्टिफिकेट के मुताबिक आरोपी छात्र को 720 में से 689 अंक मिले थे और उसने पूरे देश में 4392 वीं रैंक हासिल की थी. एम्स प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस को की और पुलिस ने आरोपी छात्र को मौके से गिरफ्तार कर लिया.

केनिकराय पुलिस के अनुसार, "हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का रहने वाला अभिषेक (उम्र 22 साल) फेक NEET सर्टिफिकेट के साथ गिरफ्तार किया गया है. छात्र पहले ही NEET के एग्जाम में 2 बार फेल हो चुका है और इस बार भी फैल हो गया था. जिसमें पास होने का दावा करते हुए वो अपने पिता के साथ रामनाथपुरम में एम्स मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने आया था."

परिवार को भी दिया धोखा

केनिकराय पुलिस ने अभिषेक के खिलाफ धारा 336(2), 336(3), 336(4) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 धारा संख्या 73 और 74 के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने आरोपी छात्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े के बारे में अभिषेक के पिता को कुछ भी मालूम नहीं था. छात्र ने अपने परिवार को भी धोखा दिया है. इसलिए पुलिस द्वारा छात्र के पिता को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें: फर्जी NEET सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS मेडिकल कॉलेज में लेने गया था एडमिशन

शिमला: बीते हफ्ते हिमाचल प्रदेश का एक छात्र नकली NEET सर्टिफिकेट के साथ तमिलनाडु में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक ये छात्र नकली NEET सर्टिफिकेट के साथ एम्स मदुरै में एमबीबीएस में एडमिशन पाने की कोशिश कर रहा था. एम्स प्रबंधन को जैसे ही छात्र के फेक सर्टिफिकेट का पता चला तो उन्होंने छात्र के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद आरोपी छात्र को तमिलनाडु की रामनाथपुरम केनिकराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि एम्स प्रशासन ने इस मामले में अभिभावकों से लेकर छात्रों तक को बड़ी हिदायतें दी है.

एम्स CEO ने कही बड़ी बात

एम्स मदुरै के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने छात्रों के साथ अभिभावकों से भी जागरूक रहने की अपील की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए एम. हनुमंत राव ने NEET सर्टिफिकेट्स में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने छात्रों और अभिभावकों दोनों को ही फ्रॉड से बचने के लिए ये सलाह दी है.

एम. हनुमंत राव, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंड CEO, AIIMS मदुरै (ETV Bharat)
  1. NEET की ऑफिशियल वेबसाइट से ही सभी सर्टिफिकेट्स डाउनलोड करें.
  2. NEET की ऑफिशियल वेबसाइट से ही सही मार्क्स कार्ड और अलॉटमेंट लेटर डाउनलोड करें.
  3. इस तरह के फ्रॉड से बचें और NEET की वेबसाइट से ही सही मार्क्स कार्ड और अलॉटमेंट लेटर प्राप्त करें.
  4. फ्रॉड सर्टिफिकेट से पैसा और समय बर्बाद करने के बजाए सही तरीके से एम्स में प्रवेश पाएं.
  5. छात्रों के साथ अभिभावकों को भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इस तरह का फ्रॉड करना अपराध है.
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क्या है पूरा मामला?

दरअसल कुछ दिन पहले हिमाचल का एक छात्र अपने पिता के साथ एम्स मदुरै में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए पहुंचा. जहां पर जब एम्स प्रबंधन ने उसके NEET सर्टिफिकेट की जांच की तो वो फर्जी पाया गया. प्रबंधन ने NEET की वेबसाइट में भी छात्र का नाम सर्च किया, जो कि उन्हें नहीं मिला. जिसके बाद जांच में ये बात सामने आई की छात्र को NEET एग्जाम में 720 में से सिर्फ 60 अंक प्राप्त हुए थे. जिसे उसने ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड कर एडिट किया था. फेक NEET सर्टिफिकेट के मुताबिक आरोपी छात्र को 720 में से 689 अंक मिले थे और उसने पूरे देश में 4392 वीं रैंक हासिल की थी. एम्स प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस को की और पुलिस ने आरोपी छात्र को मौके से गिरफ्तार कर लिया.

केनिकराय पुलिस के अनुसार, "हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का रहने वाला अभिषेक (उम्र 22 साल) फेक NEET सर्टिफिकेट के साथ गिरफ्तार किया गया है. छात्र पहले ही NEET के एग्जाम में 2 बार फेल हो चुका है और इस बार भी फैल हो गया था. जिसमें पास होने का दावा करते हुए वो अपने पिता के साथ रामनाथपुरम में एम्स मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने आया था."

परिवार को भी दिया धोखा

केनिकराय पुलिस ने अभिषेक के खिलाफ धारा 336(2), 336(3), 336(4) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 धारा संख्या 73 और 74 के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने आरोपी छात्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े के बारे में अभिषेक के पिता को कुछ भी मालूम नहीं था. छात्र ने अपने परिवार को भी धोखा दिया है. इसलिए पुलिस द्वारा छात्र के पिता को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें: फर्जी NEET सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS मेडिकल कॉलेज में लेने गया था एडमिशन
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