ETV Bharat / state

तमिलनाडु में कैसे पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS डायरेक्टर ने कही बड़ी बात

हिमाचल का छात्र तमिलनाडु में NEET के नकली सर्टिफिकेट के साथ गिरफ्तार, छात्र से पूछताछ जारी.

HP STUDENT ARRESTED IN TAMIL NADU
हिमाचल का छात्र तमिलनाडु में गिरफ्तार (File Photo)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

शिमला/मदुरै: हिमाचल प्रदेश का एक छात्र NEET का नकली सर्टिफिकेट बनाकर एम्स अस्पताल में एमबीबीएस में एडमिशन पाने की कोशिश कर रहा था. जिसे रामनाथपुरम केनिकराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा अब आरोपी छात्र के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है.

एम्स में दिखाया फर्जी सर्टिफिकेट

केनिकराय पुलिस के जारी प्रेस नोट के मुताबिक, "अभिषेक (उम्र 22 साल) हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है. उसने हरियाणा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. वो पहले ही दो बार NEET में फेल हो चुका है. इस साल उसने फिर से NEET का एग्जाम दिया. जिसमें पास होने का दावा करते हुए वो अपने पिता के साथ रामनाथपुरम में एम्स मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने आया. उसने एम्स में मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन को अपने फोन से अपना स्कोर सर्टिफिकेट दिखाया. जिसमें बताया गया कि उसे 720 में से 689 अंक मिले हैं और उसने पूरे देश में 4392वीं रैंक हासिल की है."

एम. हनुमंत राव, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंड CEO, AIIMS मदुरै (ETV Bharat)

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश?

पुलिस ने बताया कि अभिषेक ने बताया कि उसकी पूरे भारत में 4392वीं रैंक आई है, लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भेजी गई छात्रों की तीसरी सूची में अभिषेक का नाम शामिल ही नहीं था. इसके अलावा उसके द्वारा दिए गए NEET सर्टिफिकेट पर एनटीए के सिग्नेचर भी नहीं थे. जिसके चलते एम्स के एडमिनिस्ट्रेशन को उस पर शक हुआ और उन्होंने छात्रव के रजिस्टर नंबर और ईमेल की जांच की. जिसमें ये बात सामने आई की NEET एग्जाम में छात्र अभिषेक ने 720 में से 60 अंक हासिल किए थे. इसके साथ ही उसे पूरे देशभर में 2 लाख 34 हजार 349 रैंक मिली थी. जिसके बाद जांच में सामने आया कि ऑफिशियल पेज से ऑरिजनल सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर इसे बाद में एडिट किया गया है.

वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने कहा, "एम्स प्रशासन को इस गलती का पता तब चला, जब हिमाचल प्रदेश के छात्र अभिषेक ने NEET के फर्जी स्कोर सर्टिफिकेट के साथ MBBS फर्स्ट ईयर में प्रवेश के लिए आवेदन किया."

छात्र पर FIR दर्ज

इस सारे प्रकरण के बाद केनिकराय पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने धारा 336(2), 336(3), 336(4) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 धारा संख्या 73 और 74 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अब पुलिस द्वारा छात्र और उसके पिता की जांच की जा रही है.

'ऑफिशियल साइट्स से डाउनलोड करें सर्टिफिकेट्स'

एम. हनुमंत राव ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि मेडिकल कोर्स के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों को एक्सटेंशन के लिए आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करना चाहिए. वरना कुछ गलत सेटिंग्स के कारण छात्रों को ऐसी निराशा सामना करना पड़ सकता है. ये सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि NEET के स्कोर प्रमाण पत्र और आवंटन पत्र ओरिजनल हैं.

एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने कहा, "न सिर्फ छात्रों को, बल्कि छात्रों के माता-पिता को भी ऐसी गलत एजेंसियों के बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आधिकारिक वेबसाइट से अपने प्रमाण पत्र ठीक से डाउनलोड करें. इसके आधार पर आवंटित मेडिकल कॉलेजों से संपर्क करना विशेष है. छात्रों को भविष्य में ऐसी गलत गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए. मैं यही सलाह दूंगा."

ये भी पढ़ें: फर्जी NEET सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS मेडिकल कॉलेज में लेने गया था एडमिशन

तमिलनाडु में कैसे पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS डायरेक्टर ने कही बड़ी बात

शिमला/मदुरै: हिमाचल प्रदेश का एक छात्र NEET का नकली सर्टिफिकेट बनाकर एम्स अस्पताल में एमबीबीएस में एडमिशन पाने की कोशिश कर रहा था. जिसे रामनाथपुरम केनिकराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा अब आरोपी छात्र के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है.

एम्स में दिखाया फर्जी सर्टिफिकेट

केनिकराय पुलिस के जारी प्रेस नोट के मुताबिक, "अभिषेक (उम्र 22 साल) हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है. उसने हरियाणा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. वो पहले ही दो बार NEET में फेल हो चुका है. इस साल उसने फिर से NEET का एग्जाम दिया. जिसमें पास होने का दावा करते हुए वो अपने पिता के साथ रामनाथपुरम में एम्स मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने आया. उसने एम्स में मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन को अपने फोन से अपना स्कोर सर्टिफिकेट दिखाया. जिसमें बताया गया कि उसे 720 में से 689 अंक मिले हैं और उसने पूरे देश में 4392वीं रैंक हासिल की है."

एम. हनुमंत राव, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंड CEO, AIIMS मदुरै (ETV Bharat)

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश?

पुलिस ने बताया कि अभिषेक ने बताया कि उसकी पूरे भारत में 4392वीं रैंक आई है, लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भेजी गई छात्रों की तीसरी सूची में अभिषेक का नाम शामिल ही नहीं था. इसके अलावा उसके द्वारा दिए गए NEET सर्टिफिकेट पर एनटीए के सिग्नेचर भी नहीं थे. जिसके चलते एम्स के एडमिनिस्ट्रेशन को उस पर शक हुआ और उन्होंने छात्रव के रजिस्टर नंबर और ईमेल की जांच की. जिसमें ये बात सामने आई की NEET एग्जाम में छात्र अभिषेक ने 720 में से 60 अंक हासिल किए थे. इसके साथ ही उसे पूरे देशभर में 2 लाख 34 हजार 349 रैंक मिली थी. जिसके बाद जांच में सामने आया कि ऑफिशियल पेज से ऑरिजनल सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर इसे बाद में एडिट किया गया है.

वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने कहा, "एम्स प्रशासन को इस गलती का पता तब चला, जब हिमाचल प्रदेश के छात्र अभिषेक ने NEET के फर्जी स्कोर सर्टिफिकेट के साथ MBBS फर्स्ट ईयर में प्रवेश के लिए आवेदन किया."

छात्र पर FIR दर्ज

इस सारे प्रकरण के बाद केनिकराय पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने धारा 336(2), 336(3), 336(4) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 धारा संख्या 73 और 74 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अब पुलिस द्वारा छात्र और उसके पिता की जांच की जा रही है.

'ऑफिशियल साइट्स से डाउनलोड करें सर्टिफिकेट्स'

एम. हनुमंत राव ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि मेडिकल कोर्स के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों को एक्सटेंशन के लिए आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करना चाहिए. वरना कुछ गलत सेटिंग्स के कारण छात्रों को ऐसी निराशा सामना करना पड़ सकता है. ये सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि NEET के स्कोर प्रमाण पत्र और आवंटन पत्र ओरिजनल हैं.

एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO एम. हनुमंत राव ने कहा, "न सिर्फ छात्रों को, बल्कि छात्रों के माता-पिता को भी ऐसी गलत एजेंसियों के बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आधिकारिक वेबसाइट से अपने प्रमाण पत्र ठीक से डाउनलोड करें. इसके आधार पर आवंटित मेडिकल कॉलेजों से संपर्क करना विशेष है. छात्रों को भविष्य में ऐसी गलत गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए. मैं यही सलाह दूंगा."

ये भी पढ़ें: फर्जी NEET सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा गया हिमाचल का छात्र, AIIMS मेडिकल कॉलेज में लेने गया था एडमिशन
Last Updated : 2 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.