रांची: एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी डेंगू तेजी से राज्य के कई जिलों में पांव पसार रहा है. राजधानी के अलग-अलग निजी और सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लक्षण के साथ पहुंच रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग जहां अलर्ट मोड में हैं तो वहीं दूसरी ओर डॉक्टर इससे बचाव के उपाय भी लोगों को बता रहे हैं.
रांची सदर अस्पताल के डॉ अजीत कुमार के साथ संवाददाता उपेंद्र कुमार की बातचीत (ईटीवी भारत) 08 सितंबर तक 436 लोगों में डेंगू की हो चुकी है पुष्टि झारखंड में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के नोडल पदाधिकारी डॉ बीके सिंह ने बताया कि इस वर्ष राज्य के गोड्डा, पाकुड़ और जामताड़ा जिले को छोड़ बाकी के 21 जिलों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. सबसे ज्यादा 122 डेंगू मरीज की पहचान रांची में हुई है जबकि पूर्वी सिंहभूम में 66, खूंटी में 59 मरीज मिले हैं.
स्वास्थ्य निदेशालय के अनुसार बोकारो में 09, चतरा में 05, देवघर में 06, धनबाद में 09, दुमका में 01, गढ़वा में 16, गिरिडीह में 18, गुमला में 08, हजारीबाग में 20, कोडरमा में 04, लातेहार में 04, लोहरदगा में 03, पलामू में 13, रामगढ़ 06, साहिबगंज में 24, सरायकेला-खरसावां में 15, सिमडेगा में 04 और पश्चिमी सिंहभूम में 24 डेंगू के कंफर्म केस मिल चुके हैं.
डेंगू संक्रमण के मामले (ईटीवी भारत)
डेंगू के ये हैं लक्षण
एडीज मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू में संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार और पूरे शरीर में तेज दर्द होता है. इसके साथ साथ संक्रमित व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है और मरीज बहुत कमजोरी महसूस करता है. संक्रमण के विकराल रूप से लेने की वजह से कई बार शरीर में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से बीमार व्यक्ति के शरीर पर जगह जगह चकता-चकता दिखने लगता है.
रांची सदर अस्पताल में चिकित्सक डॉ अजीत कुमार कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में डेंगू का संक्रमण स्वयं समाप्त हो जाता है लेकिन कई बार प्लेटलेट्स कम हो जाने से इंटरनल हेमरेज (रक्तस्राव) की वजह से स्थिति गंभीर हो जाती है. ऐसे में मरीज को किसी भी योग्य चिकित्सक की देखरेख में इलाज शुरू कराना बेहद जरूरी हो जाता है.
डेंगू के लक्षण (ईटीवी भारत) उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य की जनता से अपील की है कि बिना योग्य चिकित्सक को दिखाएं कभी भी दवा न खाएं. यह डेंगू में खतरनाक होता ही है कई अन्य बीमारियों में भी यह जानलेवा हो जाता है.
अपने घर और आसपास में पानी न जमा होने दें-डॉ अजीत
डॉ अजीत ने बताया कि डेंगू के प्रसार के लिए एडीज मच्छर मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. एडीज मच्छर की खासियत यह है कि इसका लार्वा साफ और बहुत दिन से स्टोर किये पानी में पनपता है. ऐसे में अपने घर और आसपास में, कूलर में, खराब हो चुके टायर या डिब्बे में पानी नहीं जमा होने दें. डॉ अजीत ने बताया कि एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में ही ज्यादा एक्टिव रहता है इसलिए दिन के समय भी मच्छरों से बचाव जरूरी है.
डेंगू से कैसे बचें (ईटीवी भारत) झारखंड में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डॉक्टर बीके सिंह ने बताया कि डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह एक्टिव है. नगर निगम के साथ समन्वय स्थापित कर मच्छरों की रोकथाम का अभियान चलाया जा रहा है. लार्वारोधी दवाओं का छिड़काव और मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन दिनों डेंगू के केस बढ़े हैं लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि सभी सिविल सर्जनों को डेंगू के रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
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