झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

घेवर की मिठास का अलग ही आनंद, लोकल कारीगर ही दे रहे हैं राजस्थान का मजा - GHEVAR IN GIRIDIH

गिरिडीह शहर में पिछले पांच दशक से घेवर बनाया जा रहा है. यहां के घेवर का स्वाद बहुत अदभुत है.

GHEVAR IN GIRIDIH
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 17, 2024, 5:21 PM IST

गिरिडीहः मधुमक्खियों के छत्ते की तरह दिखने वाली घेवर मिठाई. रसदार, स्वाद से भरपूर, एक ही बाइट में जिंदगी का आनंद देने वाली यह मिठाई वैसे तो राजस्थान के परंपरागत भोज का हिस्सा है लेकिन यह मिठाई गिरिडीह के लोगों के रग रग में समाया हुआ है. गिरिडीह में पिछले 4 - 5 दशक से इस मिठाई को बनाया जाता है.

सर्द मौसम आते ही मिलने लगता है घेवर

बरसात के बाद जैसे ही मौसम करवट बदलता है और हल्की-हल्की ठंड पड़ने लगती है तो घेवर मिठाई की सोंधी सोंधी खुशबू गिरिडीह के गलियों में तैरने लगती है. चौक चौराहे पर घेवर बनाने का काम शुरू हो जाता है. लोग घेवर का स्वाद चखते ही आनंदित हो जाते हैं. इस मिठाई को बनाने वाले टुनटुन गुप्ता कहते हैं कि लगभग 40 वर्षों से उनके यहां यह मिठाई बनायी जाती है. बनाने वाले सभी कारीगर यहीं के हैं.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

इसी तरह बड़ा चौक के पास दुकान घेवर की दुकान लगाने वाले राजेश कुमार शाहा बताते हैं कि 35-40 वर्ष से उनके यहां घेवर बनाया जाता है. बताया कि दूध और मैदा से यह मिठाई बनती है इसके बाद कई तरह के ड्राई फ्रूट्स, खोवा भी इसमें पड़ता है. बताया कि उनके दादा भी यही मिठाई बनाते और बेचते थे.

मकर संक्रांति में विशेष डिमांड

इस मिठाई को बनाने वाले कारीगर के साथ साथ स्थानीय लोग बताते हैं कि मकर संक्रांति को लेकर इसकी विशेष मांग रहती है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि दही चूड़ा के साथ तिलकुट और इस मिठाई को जरूर खाते हैं.

घेवर का लुत्फ उठाते लोग (ईटीवी भारत)
प्रदेश - विदेश भी भेजा जाता है यहां का घेवर

वहीं स्थानीय राजेंद्र सिंह कहते हैं कि गिरिडीह में बनने वाले घेवर की प्रसिद्धगी दूर दूर तक है. ठंड में जब यहां के लोग अपने रिश्तेदार के पास बिहार - यूपी समेत दूसरे राज्य जाते हैं तो इस मिठाई को ले जाना नहीं भूलते. दीपक शर्मा बताते हैं कि गिरिडीह के घेवर के दीवाने धनबाद से भी आते हैं. बताया कि वे बचपन से गिरिडीह में इस मिठाई को बनते देखते हैं और इसका स्वाद चखते रहे हैं. यह भी बताया कि विदेश में रहने वाले उनके परिचित भी इस मिठाई के दीवाने हैं.

घेवर का मूल्य

  • शुद्ध घी से बना - 600/- किलो ( पीस 60 रु )
  • रिफाइन स्पेशल- 450 किलो ( पीस 45 रु )
  • रिफाइन प्लेन - किलो 350 ( पीस 35 रु )
  • राबड़ी वाला घेवर - 60 रु पीस

ये भी पढ़ेंः

हजारीबाग के वर्ल्ड फेमस गुलाब जामुन के क्या कहने, पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी भी थे इसके स्वाद के मुरीद

बदलते जमाने में शादी का बदला स्वरूप, लेकिन नहीं बदली उपहार में देने वाली एक मिठाई



ABOUT THE AUTHOR

...view details