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द‍िल्‍ली के सरकारी अस्पताल DFS के फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में हुए फेल, कई चौंकाने वाली कम‍ियां आईं सामने - Delhi govt hospital fire safety

Delhi govt hospitals failed in fire safety measures: दिल्ली में अस्पतालों में लगातार लग रही आग की खबरों के बाद भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी को लेकर कोई इंतजाम नहीं है. इन अस्पतालों की जब 'ग्राउंड रियलिटी' चेक की गई तो इनकी तमाम कमियां और खामियां सामने आई है. इन अस्पतालों को दिल्ली फायर सर्विस विभाग ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी नहीं किए हैं.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 25, 2024, 3:37 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 6:36 PM IST

द‍िल्‍ली के सरकारी अस्पताल फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में हुए फेल
द‍िल्‍ली के सरकारी अस्पताल फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में हुए फेल (ETV BHARAT)

नई दिल्ली:दिल्ली में लगातार आग की घटनाओं खास तौर पर इस साल भीषण गर्मी और हीटवेव के चलते आग लगने के मामलों में बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई . बावजूद इसके दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आग की घटनाओं से निपटने के लिए किए जाने वाले इंतजामों को लेकर लचर रवैया और लापरवाही देखी जा रही है. दिल्ली फायर सर्विस की विभाग की ओर से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट मांगने वाले इन अस्पतालों की जब 'ग्राउंड रियलिटी' चेक की गई तो इनकी तमाम कमियां और खामियां सामने आई हैं. इन सभी खामियों के चलते इन अस्पतालों को दिल्ली फायर सर्विस विभाग ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी नहीं किए हैं.

दिल्ली में आग की घटनाओं से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के जो बड़े अस्पताल घोर लापरवाही बरत रहे हैं, उनमें खासकर नरेला का सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल, कोकीवाला बाग अशोक विहार का दीपचंद बंधु अस्पताल, हरी नगर का डीडीयू अस्पताल और पीतमपुरा का भगवान महावीर अस्पताल का मामला सामने आया है. इन सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी इंतजामों के निरीक्षण के दौरान घोर लापरवाही सामने आई है. इन अस्पतालों की जब जांच पड़ताल की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इन सभी कमियों के चलते दिल्ली फायर सर्विस विभाग फिलहाल इन अस्पतालों को एनओसी देने के लिए तैयार नहीं है.

डीडीयू अस्पताल हरी नगर अस्पताल फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में हुए फेल (ETV BHARAT)

डीएफएस डायरेक्टर की ओर से इन सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अस्पतालों में पाई गई इन कमियों को दूर करे. इस स्थिति में उनको फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता. साथ ही यह एडवाइस दी है कि अगर इन कमियों को दूर किए बिना अस्पतालों की बिल्डिंग या परिसर का संचालन किया जाता है तो यह सब उनके खुद के रिस्क पर होगा और इसकी जिम्मेदारी बिल्डिंग के ओनर या ऑक्यूपायर के ऊपर ही होगी.

भगवान महावीर पीतमपुरा अस्पताल फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में फेल (ETV BHARAT)

दिल्ली सरकार के जिन अस्पतालों में दिल्ली फायर सर्विस विभाग के अधिकारियों ने जून में अलग-अलग तारीखों को जो न‍िरीक्षण/औचक निरीक्षण करने के दौरान कमियां पाई हैं उनका सिलसिलेवार तरीके से यहां जिक्र किया गया है.

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल, नरेला

  1. बेसमेंट ग्राउंड और चार अपर फ्लोर में अस्पताल का संचालन
  2. नए कंस्ट्रक्शन की वजह से 6 मीटर की इंटरनल रोड बाधित
  3. फायर चेक डोर्स के डोर क्लोजर्स हटे हुए
  4. मैन्युअल ऑपरेटेड इलेक्ट्रॉनिक फायर अलार्म सिस्टम चालू नहीं
  5. होज बॉक्सेज मिले लेकिन होज पाइप नहीं मिले
  6. पंपिंग सिस्टम ऑटो मोड में नहीं मिले
  7. फायर कंट्रोल रूम और पेशेंट रजिस्ट्रेशन रूम सेपरेट नहीं
दीपचंद बंधु अस्पताल, कोकीवाला बागअस्पताल फायर सेफ्टी के 'ग्राउंउ र‍ियल‍िटी' चेक में हुए फेल (ETV BHARAT)

गौरतलब है क‍ि गत 25 मई की रात्र‍ि में व‍िवेक व‍िहार नर्स‍िंग होम की दि‍ल दहला देने वाली आग की घटना में 7 मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस वीभत्स हादसे के बाद भी द‍िल्‍ली सरकार के अस्‍पताल आग जैसी घटनाओं से न‍िपटने के ल‍िए क‍िए जाने वाले पर्याप्‍त इंतजामों को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. इस घटना के बाद से द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस व‍िभाग पूरी तरह से सख्‍ती के साथ कार्रवाई में जुटा है.

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Last Updated : Jun 25, 2024, 6:36 PM IST

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