नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में रामलीला का आयोजन धूमधाम से होता है. यहां छोटी बड़ी करीब 400 से अधिक रामलीलाएं होती है. लालकिले के सामने भी भव्य लीलाएं होती हैं. इस बार 3 से 13 अक्टूबर तक रामलीला का मंचन किया जाएगा. रामलीला कमेटियों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. लव कुश रामलीला कमेटी हर साल नए थीम के साथ रामलीला का मंच करती है. इस बार भगवान शिव के मंदिर रामेश्वरम धाम के सेट पर राम की लीला होगी. ये मंच भव्य और विशाल होगा, जिसमें तीन मंजिल हैं. तीनों पर कलाकार खड़े होंगे. यह मंच 150 फुट लंबा, 75 फुट ऊंचा और 60 फुट चौड़ा होगा.
दिल्ली में रामेश्वरम मंदिर के थीम पर मंच: लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन ने बताया कि उत्तर भारत के भक्तों को दक्षिण भारत के भव्य रामेश्वरम मंदिर को देखने का सौभाग्य मिलेगा. मंदिरनुमा मंच की डिजाइन मुंबई के आर्टिस्ट कर रहे हैं. इसमें एक लाख से ज्यादा एलईडी लाइट्स लगाई जाएंगी, जो मंदिर के झरोकों से निकलेंगी. मंदिर बनाने के एक्सपर्ट मथुरा और वृंदावन के कलाकार भी सेट बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कोलकाता के कारीगरों की भी मदद ली है. फिल्मी दुनिया के अनेक नए चेहरे देखने को मिलेंगे.
ऐसे तय होता है रामलीला के लिए थीम: अर्जुन ने बताया कि रामलीला कमेटी के प्रमुख लोग आपस में बैठकर आइडिया पर मंथन करते हैं. हर किसी के मन में कोई न कोई डिजाइन आता है. इस बार की थीम सोचते वक्त खयाल आया कि दक्षिण भारत के किसी मंदिर का सेट तैयार किया जाए. फिर तय हुआ कि रामेश्वरम मंदिर की थीम पर मंच तैयार किया जाए. इससे उत्तर भारत और दक्षिण भारत की संस्कृति, पहचान और शैली के बारे में दिल्ली वालों को पता चलेगा. रामेश्वरम मंदिर श्रीराम की लीला में अहम स्थान रखता है. श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई से पहले शिवजी की पूजा अर्चना की थी. उन्होंने ही शिवलिंग की स्थापना की थी.