ETV Bharat / state

अब चलती ट्रेन में नहीं होगा पानी खत्म, लंबी दूरी की ट्रेनों में लगे "अत्याधुनिक वाटर सेंसर सिस्टम" - Water Monitoring System in trains

लंबी दूरी की ट्रेनों की बोगी में पानी नहीं होने की शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने का फैसला किया है. यह सिस्टम लगने से ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को असुविधा नहीं होगी. क्योंकि यह सिस्टम ट्रेन की टंकी में पानी खत्म होने से पहले ही बता देगा.

delhi news
रेलवे ने शुरू की अत्याधुनिक सिस्टम (File Photo)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 19, 2024, 5:18 PM IST

Updated : Sep 19, 2024, 7:04 PM IST

नई दिल्ली: लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर पानी खत्म हो जाता है. ऐसे में यात्रियों को असुविधा होती है. अब रेलवे की ओर से लंबी दूरी की ट्रेनों में वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है. यह अत्याधुनिक सिस्टम ट्रेन की टंकी में पानी खत्म होने से पहले ही बता देगा. इसकी सूचना लोको पायलट, ट्रेन कैप्टन और अगले स्टेशन पर अधिकारियों को मिल जाएगी. इससे अगले स्टेशन पर ट्रेन में पानी भर दिया जाएगा. अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस व्यवस्था को एक ट्रेन में शुरू किया गया है. इसके बाद अन्य ट्रेनों में भी इस व्यवस्था को शुरू किया जाएगा, जिससे यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाया जा सके.

देशभर में रोजाना 12 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें चलती हैं, जिनमें लाखों यात्री सफर करते हैं. हर कोच के लिए अलग टायलेट होता है. इसके लिए पानी की टंकी होती है. लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर पानी खत्म होने की शिकायतें आती हैं. यात्रियों की तरफ से ट्रेन के स्टाफ को सूचना देने पर घंटों बाद ट्रेन में पानी भरा जाता है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी होती है, लेकिन अब इस परेशानी से यात्रियों को छुटकारा मिलेगा. क्योंकि पानी खत्म होने से पहले ही भर दिया जाएगा.

वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम इस तरह करेगा काम: रेलवे की ओर से लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी की निगरानी के लिए वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा. जीपीएस व अत्याधुनिक सेंसर से लैस यह सिस्टम ट्रेन के कोच में पानी खत्म होने से पहले ही आने वाले स्टेशन, लोको पायलट व अन्य सूचना दे देगा. इससे ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुंचते ही उसमें पानी भर दिया जाएगा. उच्च स्तर पर भी मॉनिटरिंग होगी कि सूचना मिलने के बाद उस पर काम किया गया या नहीं. लापरवाही करने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी. इस प्रणाली में प्रोग्राम करने योग्य रियल टाइम डेटा लॉगिंग और स्टोरेज की भी सुविधा है, जिसमें डेटा को हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर के माध्यम से कैप्चर व ट्रांसमिट किया जा सकेगा. यह सिस्टम शून्य डिग्री से 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करेगा.

24 घंटे पानी की उपलब्धता होगी सुनिश्चित: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यात्रियों की यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. 24 घंटे ट्रेन में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है. रेलवे की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस ट्रेन में इसे लगाया गया है. ट्रायल के बाद अन्य ट्रेनों में भी इस सिस्टम को लगाया जाएगा, जिससे पानी की उपब्धता को सुनिश्चित किया जा सके.

ये भी पढ़ें: दिल्ली से इस रूट पर दौड़ेगी देश की सबसे लंबी वंदे भारत ट्रेन, जानें सब

ये भी पढ़ें: रेलवे टिकट पर मिलता है इंश्योरेंस, प्रीमियम 1 रुपये से भी कम, बस करना होगा ये काम

नई दिल्ली: लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर पानी खत्म हो जाता है. ऐसे में यात्रियों को असुविधा होती है. अब रेलवे की ओर से लंबी दूरी की ट्रेनों में वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है. यह अत्याधुनिक सिस्टम ट्रेन की टंकी में पानी खत्म होने से पहले ही बता देगा. इसकी सूचना लोको पायलट, ट्रेन कैप्टन और अगले स्टेशन पर अधिकारियों को मिल जाएगी. इससे अगले स्टेशन पर ट्रेन में पानी भर दिया जाएगा. अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस व्यवस्था को एक ट्रेन में शुरू किया गया है. इसके बाद अन्य ट्रेनों में भी इस व्यवस्था को शुरू किया जाएगा, जिससे यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाया जा सके.

देशभर में रोजाना 12 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें चलती हैं, जिनमें लाखों यात्री सफर करते हैं. हर कोच के लिए अलग टायलेट होता है. इसके लिए पानी की टंकी होती है. लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर पानी खत्म होने की शिकायतें आती हैं. यात्रियों की तरफ से ट्रेन के स्टाफ को सूचना देने पर घंटों बाद ट्रेन में पानी भरा जाता है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी होती है, लेकिन अब इस परेशानी से यात्रियों को छुटकारा मिलेगा. क्योंकि पानी खत्म होने से पहले ही भर दिया जाएगा.

वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम इस तरह करेगा काम: रेलवे की ओर से लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी की निगरानी के लिए वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा. जीपीएस व अत्याधुनिक सेंसर से लैस यह सिस्टम ट्रेन के कोच में पानी खत्म होने से पहले ही आने वाले स्टेशन, लोको पायलट व अन्य सूचना दे देगा. इससे ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुंचते ही उसमें पानी भर दिया जाएगा. उच्च स्तर पर भी मॉनिटरिंग होगी कि सूचना मिलने के बाद उस पर काम किया गया या नहीं. लापरवाही करने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी. इस प्रणाली में प्रोग्राम करने योग्य रियल टाइम डेटा लॉगिंग और स्टोरेज की भी सुविधा है, जिसमें डेटा को हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर के माध्यम से कैप्चर व ट्रांसमिट किया जा सकेगा. यह सिस्टम शून्य डिग्री से 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करेगा.

24 घंटे पानी की उपलब्धता होगी सुनिश्चित: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यात्रियों की यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. 24 घंटे ट्रेन में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है. रेलवे की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस ट्रेन में इसे लगाया गया है. ट्रायल के बाद अन्य ट्रेनों में भी इस सिस्टम को लगाया जाएगा, जिससे पानी की उपब्धता को सुनिश्चित किया जा सके.

ये भी पढ़ें: दिल्ली से इस रूट पर दौड़ेगी देश की सबसे लंबी वंदे भारत ट्रेन, जानें सब

ये भी पढ़ें: रेलवे टिकट पर मिलता है इंश्योरेंस, प्रीमियम 1 रुपये से भी कम, बस करना होगा ये काम

Last Updated : Sep 19, 2024, 7:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.