नई दिल्ली:भारत में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की स्थिति दिन-प्रतिदिन चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. छोटे परिवहन व्यवसायियों और सिंगल मोटर मालिकों के सामने बढ़ते आर्थिक संकट उनके लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इससे हजारों परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच के महासचिव श्याम सुन्दर ने सरकार से तीन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की है.
श्याम सुन्दर ने बताया कि छोटे ट्रांसपोर्टर्स के लिए टोल टैक्स एक महत्वपूर्ण आर्थिक बोझ बना हुआ है. संगठन की मांग है कि देशभर में टोल टैक्स की दरों में कम से कम 30% की कमी की जाए और उन टोल प्लाजाओं की जांच की जाए, जिन्होंने अपनी लागत पूरी कर ली है. उनका कहना है कि ऐसी प्लाजाओं को तुरंत बंद किया जाए, ताकि छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को राहत मिल सके और उनके व्यवसाय का पुनर्जीवीकरण हो सके.
ऑनलाइन चालान प्रक्रिया में सुधार:छोटे ट्रांसपोर्टर्स के ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया भी चिंता का विषय बनी हुई है. श्याम सुन्दर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ द्वारा चलती गाड़ियों की फोटो खींचकर और टोल प्लाजाओं से जानकारी लेकर जो चालान किया जाता है, वह छोटे व्यवसायियों पर भारी पड़ रहा है. संगठन की मांग है कि चालान केवल तभी होना चाहिए जब मौके पर ड्राइवर मौजूद हो. इससे न केवल आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी.