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Delhi: छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों का घर चलाना मुश्किल, सरकार से मदद की गुहार

देशभर में टोल टैक्स की दरों में कम से कम 30% की कमी की जाए. पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 30% की कटौती की मांग.

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दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली:भारत में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की स्थिति दिन-प्रतिदिन चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. छोटे परिवहन व्यवसायियों और सिंगल मोटर मालिकों के सामने बढ़ते आर्थिक संकट उनके लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इससे हजारों परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच के महासचिव श्याम सुन्दर ने सरकार से तीन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की है.

श्याम सुन्दर ने बताया कि छोटे ट्रांसपोर्टर्स के लिए टोल टैक्स एक महत्वपूर्ण आर्थिक बोझ बना हुआ है. संगठन की मांग है कि देशभर में टोल टैक्स की दरों में कम से कम 30% की कमी की जाए और उन टोल प्लाजाओं की जांच की जाए, जिन्होंने अपनी लागत पूरी कर ली है. उनका कहना है कि ऐसी प्लाजाओं को तुरंत बंद किया जाए, ताकि छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को राहत मिल सके और उनके व्यवसाय का पुनर्जीवीकरण हो सके.

ऑनलाइन चालान प्रक्रिया में सुधार:छोटे ट्रांसपोर्टर्स के ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया भी चिंता का विषय बनी हुई है. श्याम सुन्दर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ द्वारा चलती गाड़ियों की फोटो खींचकर और टोल प्लाजाओं से जानकारी लेकर जो चालान किया जाता है, वह छोटे व्यवसायियों पर भारी पड़ रहा है. संगठन की मांग है कि चालान केवल तभी होना चाहिए जब मौके पर ड्राइवर मौजूद हो. इससे न केवल आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी.

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पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में समानता:पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ती असमानता भी ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को प्रभावित कर रही है. श्याम सुन्दर का कहना है कि देशभर में इनकी कीमतें समान होनी चाहिए, ताकि व्यवसायियों को अलग-अलग राज्यों में भिन्न दरों का भार न उठाना पड़े. इसके अलावा उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 30% की कटौती की मांग की ताकि व्यवसायियों को कुछ राहत मिल सके.

दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच ने इस संकट को लेकर राष्ट्रपति और संबंधित सरकारों को विशेष अपील-पत्र पहले ही प्रस्तुत किया है. संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकारें इन मांगों का गंभीरता से निराकरण नहीं करती है तो वे दो महीने बाद देशभर में आंदोलन करने का विचार कर रहे हैं. यह आंदोलन केवल ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के लिए नहीं, बल्क‍ि उन सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो किसी न किसी रूप में वाहनों का इस्तेमाल करते हैं.

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