नई दिल्ली: दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और लगातार बढ़ते निर्माण कार्यों के चलते शहर में कूड़े और मलबे से होने वाले प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है. इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने शहर के सभी 12 जोनों और 250 वार्डों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक विशेष योजना लागू करने की घोषणा की है.
नगर निगम की मेयर शैली ओबराय ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि इस योजना के तहत कूड़े की सफाई और मलबे के निस्तारण पर नियमित अभियान चलाया जाएगा. प्रत्येक वार्ड से उठाए गए कूड़े और मलबे की मात्रा का नियमित रूप से निरीक्षण और रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. इस काम में जूनियर इंजीनियर्स (जेई) और सुपरवाइजर्स सक्रिय रूप से भाग लेंगे.
निर्माणाधीन साइटों की निगरानी:मेयर ओबराय ने बताया कि निर्माणाधीन साइटों पर खुले में निर्माण सामग्री रखने की प्रथा को समाप्त करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे. पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी इस दिशा में काम करने की सलाह दी थी. इस क्रम में नगर निगम ने अनेक स्थल निर्धारित किए थे, जहां नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों ने कूड़ा प्रसंस्करण में मदद की थी.
स्थानीय नागरिकों की भूमिका:नई योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए नगर निगम ने दिल्ली के नागरिकों से सहयोग की अपील की है. मेयर ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण की समस्या खासकर त्योहारों के मौसम में बढ़ जाती है. इसलिए सभी नागरिकों को जिम्मेदारी लेना जरूरी है." उन्होंने आग्रह किया कि लोग अपने आसपास का क्षेत्र साफ रखें और नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलकर कार्य करें.