नई दिल्लीः दिल्ली की मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय नए मेयर के चुनाव की घोषणा करेंगी. उनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो चुका है. एलजी ऑफिस से स्पेशल परमिशन मिलने के बाद ही मेयर का चुनाव होगा. बता दें कि डिप्टी मेयर का भी चुनाव होना है. मेयर और निगम सचिव कार्यालय दोनों ओर से ऐसे संकेत मिले हैं.
मेयर चुनाव के लिए आयोजित होने वाली सदन की बैठक की तारीख 19 से 26 अप्रैल के बीच तय की जा सकती है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने के कारण दिल्ली नगर निगम को मेयर चुनाव कराने की अनुमति भारत निर्वाचन आयोग से लेनी होगी. इसके लिए निगम सचिव कार्यालय की ओर सबसे पहले चुनाव की तारीखों का चयन कर मेयर के पास भेजा जाएगा. मेयर जो तारीख उपयुक्त मानेंगी, इसके मुताबिक ही निगम सचिव कार्यालय आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा.़
जानिए क्या है प्रक्रिया
मेयर का कार्यकाल अब पूरा हो चुका है. निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की होती है. पीठासीन अधिकारी का नाम तय करने का अधिकार उपराज्यपाल के पास होता है, लेकिन अगले मेयर चुनाव में दोबारा प्रत्याशी नहीं है तो ऐसे में निगम में परंपरा रही है कि पूर्व मेयर को ही पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है, लेकिन अभी तक इस पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार सिर्फ एलजी कार्यालय के पास ही है. एलजी कार्यालय ही इस मेयर चुनाव को लेकर पीठासीन अधिकारी पर निर्णय लेगा, इसलिए चुनाव की तारीख से निगम सचिव कार्यालय पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए फाइल आगे बढ़ाएगा. उसके बाद यह फाइल निगम आयुक्त कार्यालय से होती हुई, दिल्ली शहरी विकास विभाग के पास जाएगी और आखिर में लोक कार्यालय फाइल भेजी जाएगी.
महापौर और उप महापौर चुनाव के लिएवोटिंग का अधिकार दिल्ली नगर निगम के 250 निर्वाचित पार्षद, दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सदस्य और 14 विधायकों के पास है. निगम में अभी तक सबसे ज्यादा पार्षद आम आदमी पार्टी के पास हैं. आप के पास पार्षदों की संख्या 134, एक निर्दलीय सदस्य और तीन राज्यसभा सदस्य और 13 विधायक हैं, जबकि निगम में भारतीय जनता पार्टी के पास 104 निर्वाचित पार्षद व एक निर्दलीय सदस्य, जबकि 7 लोकसभा सांसद और 10 मनोनीत सदस्य हैं. वहीं, कांग्रेस के पास 9 निर्वाचित सदस्य हैं और एक निर्दलीय सदस्य है.
क्यों लेनी पड़ेगी स्पेशल परमिशन
दिल्ली नगर निगम के मेयर का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाता है और नए मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के चलते आचार संहिता लग चुकी है. इसलिए एलजी ऑफिस से स्पेशल परमिशन लेनी होगी. 2019 में लोकसभा चुनाव के चलते स्पेशल परमिशन लेनी पड़ी थी. बता दें कि डीएमसी एक्ट के मुताबिक, नए मेयर का चुनाव 31 मार्च तक हो जाना चाहिए.
बता दें कि दिल्ली नगर निगम में हर पांच साल बाद चुनाव होता है, तो वहीं मेयर का कार्यकाल सिर्फ 1 साल होता है. 1 अप्रैल को एमसीडी का फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ ही 31 मार्च को पूरा हो जाता है. दिल्ली नगर निगम अधिनियम के मुताबिक, पहले साल मेयर महिला, दूसरे में सामान्य और तीसरे साल में एक अनुसूचित जाति का सदस्य का चुना जाना होता है. साल 2024 में अनुसूचित जाति का मेयर चुना जाना है. निगम सचिव कार्यालय मेयर पद के लिए नामांकन के लिए 10 दिन का समय निर्धारित करता है.
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