नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता "पवित्र" है और कड़े कानूनों से जुड़े मामलों में भी इसका सम्मान किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने "जमानत नियम है और जेल अपवाद है" के कानूनी सिद्धांत का भी सहारा लिया. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 (संविधान के) के तहत स्वतंत्रता का अधिकार एक पवित्र अधिकार है. जिसका सम्मान उन मामलों में भी किया जाना चाहिए जहां कड़े प्रावधान लागू होते हैं. याचिकाकर्ता 23 महीने से हिरासत में है और विचाराधीन कैदी के रूप में कैद है.
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कहा कि मुकदमा शुरू किए बिना सजा का कोई तरीका नहीं हो सकता. जमानत नियम है और जेल अपवाद है' का सार्वभौमिक प्रस्ताव पूरी तरह से विफल हो जाएगा यदि याचिकाकर्ता को इतने लंबे समय तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रखा जाएगा. जबकि, सजा दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम 7 साल ही हो सकती है. हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है.
जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार होना चाहिएःसुनवाई समाप्त होने के बाद खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए पीठ ने कहा कि उसके निर्देश मुकदमे के संचालन में बाधा नहीं बनेंगे. इसने इस दलील पर गौर किया कि नायर 13 नवंबर, 2022 से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में है और दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम सजा सात साल है. याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई है कि याचिकाकर्ता की जमानत पर भी अनुकूल तरीके से विचार किया जाना चाहिए. इसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार किया जाना चाहिए.
नायर की जमानत पर AAP ने कहा- सत्यमेव जयतेःनायर को जमानत मिलने के बाद AAP नेताओं ने कहा कि धीरे-धीरे भाजपा की पूरी साज़िश धराशायी हो रही है. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. अब भाजपा की साजिशों का लगातार खुलासा हो रहा है. पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी और अब विजय नायर को जमानत दी है. अब केंद्र सरकार के तमाम षड्यंत्रों को ध्वस्त करके जल्द अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे.