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अरविंद केजरीवाल को मिला दुष्यंत चौटाला का साथ, कहा- इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को नहीं मिला कोई तथ्य, एजेंसी का हो रहा दुरुपयोग - Delhi liquor scam - DELHI LIQUOR SCAM

Delhi liquor scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले मामले में अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस बीच जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को रिमांड में कोई तथ्य नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हर सरकार में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है.

केजरीवाल को मिला दुष्यंत का साथ
केजरीवाल को मिला दुष्यंत का साथ

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 2, 2024, 4:09 PM IST

अरविंद केजरीवाल को मिला दुष्यंत चौटाला का साथ

भिवानी:भारतीय जनता पार्टी से हाल ही में अलग हुए जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अरविंद केजरीवाल का पक्ष लेते हुए कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को रिमांड में कोई तथ्य नहीं मिला है. हालांकि उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की लिक्कर पॉलिसी को लेकर कई प्रश्र चिह्न भी है, जिन्हें दूर किए जाने की आवश्यकता है. दुष्यंत चौटाला ने भिवानी में जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार राव बहादुर सिंह के पक्ष में प्रचार करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही.

केन्द्रीय एजेंसियों का होता रहा है दुरुपयोग: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का साथ मिल गया है. दुष्यंत चौटाला ने भिवानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को कोई तथ्य अभी तक नहीं मिला है. इसलिए इन्होंने रिमांड की अवधि भी नहीं बढ़ाई. उन्होंने कहा कि हर सरकार ने अपनी सुविधानुसार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया है.

400 पार का बुखार उतर जाएगा: दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के 400 पार के नारे को लेकर कहा कि "एंटी-इनकम्बेंसी जैसी चीज अपने आप नजर आ जाएगी, जब 400 पार की जगह 200 सीटों पर आकर ठहर जाएगा. उम्मीद से 50 प्रतिशत सीटें जब भाजपा को मिलेंगी तो भाजपा का बुखार उतर जाएगा". उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारों ही इशारों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "एक समय जब ऐसा नारा लगा था कि इंदिरा इज कांग्रेस, कांग्रेस इज इंदिरा. परन्तु चुनाव परिणामों ने इस नारे की सत्यता सामने ला दी थी. ऐसा ही जब 400 की बजाए 200 सीटें मिलेंगी तो यही हाल भाजपा का होगा. भारत के लोग समझदार है तथा अपनी समझ से वोट डालते हैं".

क्यों टूटा गठबंधन?: दुष्यंत चौटाल ने बीजेपी से गठबंधन टूटने के पीछे के कारणों को गिनवाते हुए बताया कि जननायक जनता पार्टी की प्रमुख सीटों को भाजपा ने देने से मना कर दिया था तथा जो सीटें भाजपा उन्हें दे रही थी, वे उन्हे पसंद नहीं थी. वहीं दुष्यंत चौटाला ने एक बात का और खुलासा किया कि सीएम बदलने के साथ नई सरकार में जननाायक जनता पार्टी को शामिल करने की बात थी, परन्तु उनकी पार्टी ने नई सरकार का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था.

नायब सरकार पर हमला: दुष्यंत चौटाला ने वर्तमान सरकार पर फैसले नहीं लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि तीन दिनों के बाद मंडियों में खरीद शुरू हो पाई है. किसान अपनी फसल को नहीं बेच पा रहे, जबकि उनके कार्यकाल में प्रदेश की 417 मंडियों में धड़ल्ले से किसानों की फसलें खरीदी गई थी. दुष्यंत चौटाला से जब यह पूछा गया कि उन्हे अपने कार्यकाल को लेकर कोई मलाल है तो उन्होंने कहा कि बुजुर्गो को 5100 रूपये पेंशन ना दे पाने का मलाल आज भी है.

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