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LG वीके सक्सेना ने 500 से अधिक शिक्षकों से की बातचीत, NEP से जुड़े मुद्दों पर की चर्चा - SOCIAL PARTITION IN EDUCATION

LG ने शिक्षकों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन में चुनौतियों और बुनियादी ढांचे की बाधाओं जैसे मुद्दों पर चर्चा की

LG ने शिक्षकों के साथ की बातचीत
LG ने शिक्षकों के साथ की बातचीत (सोशल मिडिया)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 6 hours ago

नई दिल्ली: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल आज दिल्ली के निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद सत्र आयोजित किया. इस सत्र में 500 से अधिक प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने सहभागिता की, जो दिल्ली के 5000 से अधिक निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस संवाद श्रृंखला के अंतर्गत, उपराज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, और सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन पर चर्चा की.

वीके सक्सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर संवाद के संदर्भ में जानकारी साझा करते हुए लिखा, “हमें एनईपी 2020 के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर मिला. साथ ही, हमने परिवहन और बुनियादी ढांचे की बाधाओं जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया.” शिक्षकों ने बम की धमकियों और साइबर अपराधों के बारे में चिंता व्यक्त की और पुलिस की भूमिका की सराहना की.

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि अतिरिक्त कक्षाओं के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के मुद्दे का समाधान निकालने के लिए पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं. उन्होंने शिक्षकों द्वारा प्रस्तावित प्रारंभिक चरण के अनुसंधान और विकास के विचार को प्रेरणादायक बताया. उनके अनुसार, यह दृष्टिकोण हमारे युवा छात्रों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है.

सक्सेना ने समाज में शिक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण बात की, "हमें शिक्षा में सामाजिक विभाजन से बचना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा जाए." उन्होंने शिक्षा जगत के सभी सदस्यों को अधिकारों के प्रति जागरूक रहने एवं मुखर होने के लिए प्रेरित किया.

5000 से अधिक निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 500 से अधिक प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से बातचीत (ETV Bharat)

उपराज्यपाल वीके सक्सेना का यह संवाद कार्यक्रम पिछले एक साल से चल रहा है, जिसमें विभिन्न समुदायों से संवाद स्थापित किया जा रहा है. यह पहल न केवल निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छात्रों के भविष्य को भी उज्ज्वल बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है.

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