नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के लीगल सेल से जुड़े वकील संजीव नसियार की एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री की गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की अनुशंसा करने और उन्हें दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के वाईस चेयरमैन के पद से हटाने के बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के आदेश पर रोक लगा दिया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया.
संजीव नसियार को अपना पक्ष रखने का नहीं मिला मौका:संजीव नसियार ने बीसीआई के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सोमवार को सुनवाई के दौरान संजीव नसियार की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कहा कि बीसीआई ने ये आदेश जारी करते वक्त संजीव नसियार को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया और इस आदेश को सीधे प्रकाशित कर दिया. उन्होंने कहा कि बीसीआई के आदेश में संजीव नसियार की डिग्री को फर्जी नहीं बताया है, बल्कि सवालों के घेरे में बताया है.
फर्जी डिग्री देने में यूनिवर्सिटी की मिलीभगत :सुनवाई के दौरान बीसीआई की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने इस डिग्री को सही बताया है लेकिन इसे सही बताने के लिए कोई प्रमाण नहीं दिया. उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्री देने में यूनिवर्सिटी की मिलीभगत हो सकती है. कीर्तिमान सिंह ने कहा कि बीसीआई को जांच करने से बीसीडी नहीं रोक सकती है. बीसीआई खुद कार्रवाई कर सकती है. कीर्तिमान सिंह ने कहा कि संजीव नसियार को जो डिग्री 1988 में दी गई वो बीसीआई ने शुरु ही 2008 में की.
नसियार को टारगेट करने के लिए दिया गया आदेश : संजीव नसियार की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कहा कि जिस साल संजीव नसियार को यूनिवर्सिटी ने डिग्री दी थी उसी साल उस यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट के जजों को भी डिग्री दी थी. पूर्व स्पीकर को भी उसी साल डिग्री दी गई थी. लेकिन ये आदेश केवल संजीव नसियार के लिए किया गया. उन्होंने कहा कि संजीव नसियार को टारगेट करने के लिए ये आदेश दिया गया है. उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें आज एक कार्यक्रम में जाना है और उनकी छवि खराब की जा रही है.