नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वो निर्वाचन आयोग के काम का प्रबंधन नहीं कर सकता है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी. याचिका शाहीन अब्दुल्ला, अमिताभ पांडे और देव मुखर्जी ने दायर किया है.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील निजाम पाशा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा राजस्थान में अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आ गई तो उनकी संपत्ति उन्हें बांट देगी, जिन्हें ज्यादा बच्चे हैं या जो घुसपैठिये हैं. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है या नहीं ये कौन तय करेगा? निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसके काम का प्रबंधन नहीं कर सकते हैं.
सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से पेश वकील सुरुचि सूरी ने कहा कि आयोग ने शिकायतें मिलने के बाद सत्ताधारी दल को नोटिस जारी किया है और 15 मई तक उसका जवाब आने की संभावना है. जवाब आने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी. उसके बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से आदर्श आचार संहिता से संबंधित साक्ष्य लाने को कहा.