नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार को विकिपीडिया की एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें वे सिंगल बेंच के उस आदेश को चुनौती दे रहे थे, जिसका मकसद विकिपीडिया पर प्रकाशित एक विवरण को संपादित करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर करना था. यह विवरण एक समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसमें विकिपीडिया ने भारत सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताया था.
इस मामले में सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. विकिपीडिया की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने तर्क दिया कि विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना उनकी निजता की नीति का उल्लंघन होगा, तो अदालत ने कहा कि यदि वे नाम नहीं बताएंगे, तो अदालत उस व्यक्ति का रुख कैसे जान पायेगी.
सुनवाई के दौरान न्यूज एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि विकिपीडिया के पेज में उल्लेखित था कि जज ने धमकी दी है कि वे भारत सरकार को आदेश दे सकते हैं कि विकिपीडिया को देश में बंद कर दिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को सख्त निर्देश दिया कि उन्हें इस पेज को हटाना होगा, अन्यथा उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी.
विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी: कोर्ट ने विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वे किसी भी व्यक्ति को बदनाम करने का प्लेटफार्म नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "आप एक सेवा प्रदाता हैं. आपको न्यूज एजेंसी के संपादक का नाम बताना होगा." इस पर विकिपीडिया के वकील ने अतिरिक्त समय देने की मांग की.
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