नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के डूब क्षेत्र में गीता कॉलोनी के पास बने पुराने शिव मंदिर को हटाने के डीडीए के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच ने कहा कि भगवान शिव की हमें रक्षा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे खुद हमारी रक्षा करते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर यमुना का किनारा और डूब क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त हो जाए तो भगवान शिव ज्यादा खुश होंगे.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने मंदिर के भगवान को इस मामले में पक्षकार बनाकर मामले को एक दूसरा रंग देने की कोशिश की. उनकी दलील है कि मंदिर में रोजाना पूजा की जाती है और विशेष अवसरों पर खास आयोजन होते हैं, लेकिन इस सबसे ये सार्वजनिक महत्व का विषय नहीं हो सकते हैं. याचिका प्राचीन शिव मंदिर एवं अखाड़ा समिति ने दायर किया था.
मंदिर गीता कालोनी में यमुना किनारे ताज एन्क्लेव में स्थित है. याचिका में डीडीए की ओर से मंदिर को हटाने के आदेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया जिससे पता चले कि मंदिर सार्वजनिक उपयोग के लिए है और वो मंदिर समिति के निजी उपयोग के लिए नहीं है. हाईकोर्ट ने मंदिर समिति को निर्देश दिया कि वो 15 दिनों के अंदर मंदिर की मूर्तियों को हटा लें और दूसरे मंदिर में स्थापित कर दें. अगर 15 दिनों के अंदर मंदिर समिति मूर्तियों को नहीं हटाती है तो डीडीए मंदिर की मूर्तियों को दूसरे जगह स्थापित कराएगा.
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