ETV Bharat / state

रशीद इंजीनियर ने संसद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की, NIA को नोटिस जारी

आज 25 नवंबर से संसद के सत्र की शुरुआत हुई. रशीद इंजीनियर पर जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग का आरोप

राशिद इंजीनियर की संसद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग
राशिद इंजीनियर की संसद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग (Etv bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 25, 2024, 6:52 PM IST

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और बारामूला के सांसद रशीद इंजीनियर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विमल यादव ने एनआईए से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.

संसद सत्र में हिस्सा लेने अंतरिम जमानत की मांग: सुनवाई के दौरान एनआईए और इंजीनियर रशीद दोनों की ओर से कहा गया कि फिलहाल इस मामले को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जाए. रशीद इंजीनियर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होकर कहा कि मुझे लोगों ने चुना है और संसद के पिछले सत्र में मुझे हिस्सा नहीं लेने दिया गया. रशीद ने हाथ जोड़कर कहा कि उसे संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए.

जज द्वारा मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग: इसके पहले एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 21 नवंबर को रशीद इंजीनियर से जुड़े मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को भेजने का आदेश दिया था. जिसके बाद इस मामले की सुनवाई प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज कर रहे थे. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा था कि इस मामले के आरोपी राशीद इंजीनियर अब सांसद बन चुके हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई उस कोर्ट में ट्रांसफर होनी चाहिए जो एमपी-एमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है.

लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी कामियाबी: बता दें कि रशीद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने राशीद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी. उसके बाद से कोर्ट ने रशीद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी. रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी. राशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने का आरोप: पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

एनआईए के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया था. एनआईए के मुताबिक, इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया.

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और बारामूला के सांसद रशीद इंजीनियर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विमल यादव ने एनआईए से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.

संसद सत्र में हिस्सा लेने अंतरिम जमानत की मांग: सुनवाई के दौरान एनआईए और इंजीनियर रशीद दोनों की ओर से कहा गया कि फिलहाल इस मामले को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जाए. रशीद इंजीनियर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होकर कहा कि मुझे लोगों ने चुना है और संसद के पिछले सत्र में मुझे हिस्सा नहीं लेने दिया गया. रशीद ने हाथ जोड़कर कहा कि उसे संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए.

जज द्वारा मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग: इसके पहले एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 21 नवंबर को रशीद इंजीनियर से जुड़े मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को भेजने का आदेश दिया था. जिसके बाद इस मामले की सुनवाई प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज कर रहे थे. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा था कि इस मामले के आरोपी राशीद इंजीनियर अब सांसद बन चुके हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई उस कोर्ट में ट्रांसफर होनी चाहिए जो एमपी-एमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है.

लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी कामियाबी: बता दें कि रशीद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने राशीद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी. उसके बाद से कोर्ट ने रशीद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी. रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी. राशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने का आरोप: पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

एनआईए के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया था. एनआईए के मुताबिक, इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.