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सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम में दिखी एकता की बुनियाद, विदेशी लेखक-कलाकारों के बीच संवाद

-साहित्य अकादेमी में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन -विदेशी लेखकों, कलाकारों और पत्रकारों ने की शिरकत

साहित्य अकादेमी में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
साहित्य अकादेमी में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 25, 2024, 7:35 PM IST

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी में आज 25 नवंबर को 'सांस्कृतिक आदान-प्रदान' कार्यक्रम के अंतर्गत उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान और तजाकिस्तान से पधारे लेखक, पत्रकार, विद्वान और कलाकारों को दिल्ली के विभिन्न भारतीय भाषाओं के लेखकों और विद्वानों से मिलवाया गया. अकादमी की तीसरी मंजिल पर स्थित सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में नौ विदेशी लेखकों और दस भारतीय लेखकों ने शिरकत की. कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम भेंट करके किया.

सांस्कृतिक एकता की बुनियाद: श्रीनिवासराव ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि इस तरह के समागम से विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक एकता की बुनियाद और मजबूत होती है. उन्होंने पहले भी उज़्बेकिस्तान के साथ हुए इस तरह के आदान-प्रदान का उल्लेख करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच लोक साहित्य की एक साझी समृद्ध परंपरा है. आपसी अनुवाद से इस विरासत को और आगे बढ़ाया जा सकता है. अकादेमी ने ऐसी पुस्तकें प्रकाशित भी की हैं. स्वागत के बाद सभी आमंत्रित अतिथियों ने सांस्कृतिक आदान प्रदान की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए, तथा भारतीय और उज़्बेकिस्तान की संस्कृतियों की समानता पर अपनी बात रखी.

उज़्बेकिस्तान के साहित्य का रुझान क्या है?
भारतीय लेखकों के इस प्रश्न पर की वर्तमान में उज़्बेकिस्तान के साहित्य का रुझान क्या है, पर उन्होंने बताया कि अभी वहाँ के लेखक अपने देश और उसकी सांस्कृतिक विरासत की पहचान को दूसरे लोगों तक पहुँचाने के प्रयास में जुटे हैं. कुछ लेखकों ने अपनी कविताएँ भी सुनाईं. उज़्बेकिस्तान से पधारे दल में असरोर अलायारोव, नीलोफर यूरिनोवा, सलीम खान मिर्जेवा, गौहर मात्यकुबोवा, रिसोलत स्पेवा, शाखोल नारालियेवा , कहमीदुल्ला ताजिएव, उलुगबेक मकसूदोव और उत्कीर अलीमोव शामिल थे.

समारोह में कई भारतीय लेखकों ने की शिरकत: प्रतिनिधि मंडल के लेखकों और उनके योगदान का संक्षिप्त परिचय हिंदी-अंग्रेजी लेखिका शामेनाज बानो द्वारा दिया गया. समारोह में भारतीय लेखकों में गौरी शंकर रैना (कश्मीरी), अभय के (अंग्रेज़ी), एम. के. रैना (कश्मीरी), रवेल सिंह (पंजाबी), अनामिका (हिंदी), देवेंद्र चौबे (हिंदी), मोहन हिमथाणी (सिंधी), सुकृता पाल कुमार (अंग्रेज़ी) आदि शामिल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात अंग्रेजी लेखक एवं राजनयिक अमरेंद्र खटुआ ने की. संचालन अकादेमी के उप सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया.

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नई दिल्ली: साहित्य अकादमी में आज 25 नवंबर को 'सांस्कृतिक आदान-प्रदान' कार्यक्रम के अंतर्गत उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान और तजाकिस्तान से पधारे लेखक, पत्रकार, विद्वान और कलाकारों को दिल्ली के विभिन्न भारतीय भाषाओं के लेखकों और विद्वानों से मिलवाया गया. अकादमी की तीसरी मंजिल पर स्थित सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में नौ विदेशी लेखकों और दस भारतीय लेखकों ने शिरकत की. कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम भेंट करके किया.

सांस्कृतिक एकता की बुनियाद: श्रीनिवासराव ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि इस तरह के समागम से विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक एकता की बुनियाद और मजबूत होती है. उन्होंने पहले भी उज़्बेकिस्तान के साथ हुए इस तरह के आदान-प्रदान का उल्लेख करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच लोक साहित्य की एक साझी समृद्ध परंपरा है. आपसी अनुवाद से इस विरासत को और आगे बढ़ाया जा सकता है. अकादेमी ने ऐसी पुस्तकें प्रकाशित भी की हैं. स्वागत के बाद सभी आमंत्रित अतिथियों ने सांस्कृतिक आदान प्रदान की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए, तथा भारतीय और उज़्बेकिस्तान की संस्कृतियों की समानता पर अपनी बात रखी.

उज़्बेकिस्तान के साहित्य का रुझान क्या है?
भारतीय लेखकों के इस प्रश्न पर की वर्तमान में उज़्बेकिस्तान के साहित्य का रुझान क्या है, पर उन्होंने बताया कि अभी वहाँ के लेखक अपने देश और उसकी सांस्कृतिक विरासत की पहचान को दूसरे लोगों तक पहुँचाने के प्रयास में जुटे हैं. कुछ लेखकों ने अपनी कविताएँ भी सुनाईं. उज़्बेकिस्तान से पधारे दल में असरोर अलायारोव, नीलोफर यूरिनोवा, सलीम खान मिर्जेवा, गौहर मात्यकुबोवा, रिसोलत स्पेवा, शाखोल नारालियेवा , कहमीदुल्ला ताजिएव, उलुगबेक मकसूदोव और उत्कीर अलीमोव शामिल थे.

समारोह में कई भारतीय लेखकों ने की शिरकत: प्रतिनिधि मंडल के लेखकों और उनके योगदान का संक्षिप्त परिचय हिंदी-अंग्रेजी लेखिका शामेनाज बानो द्वारा दिया गया. समारोह में भारतीय लेखकों में गौरी शंकर रैना (कश्मीरी), अभय के (अंग्रेज़ी), एम. के. रैना (कश्मीरी), रवेल सिंह (पंजाबी), अनामिका (हिंदी), देवेंद्र चौबे (हिंदी), मोहन हिमथाणी (सिंधी), सुकृता पाल कुमार (अंग्रेज़ी) आदि शामिल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात अंग्रेजी लेखक एवं राजनयिक अमरेंद्र खटुआ ने की. संचालन अकादेमी के उप सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया.

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