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सरकारी अस्‍पतालों की हालत पर द‍िल्‍ली हाईकोर्ट सख्‍त, 30 द‍िन के भीतर ये स‍िफार‍िशें लागू करने का निर्देश - Government Hospital Conditions

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 18, 2024, 8:59 PM IST

Delhi Government Hospital Conditions: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अस्‍पतालों में बुन‍ियादी ढांचे को लेकर चीफ सेक्रेटरी और हेल्थ सेक्रेटरी को निर्देश जारी किया है. क्या है यह निर्देश, आइए जानते हैं.

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नई द‍िल्‍ली:द‍िल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों में बुन‍ियादी ढांचे को मजबूत करने के ल‍िए द‍िल्‍ली हाईकोर्ट की ओर से चीफ सेक्रेटरी और प्र‍िंस‍िपल सेक्रेटरी (हेल्‍थ) को सख्‍त न‍िर्देश द‍िए गए हैं. हाईकोर्ट ने आईएलबीएस के चांसलर डॉ. एसके सरीन की अध्यक्षता में गठित 'एक्‍सपर्ट कमेटी' की स‍िफार‍िशों को 30 द‍िनों के भीतर लागू करने को कहा है. कार्यवाहक चीफ जस्‍ट‍िस न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने 16 अप्रैल की सुनवाई के दौरान यह न‍िर्देश द‍िए.

दरअसल, द‍िल्‍ली हाईकोर्ट की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे की समस्याओं को दूर करने और उसको मजबूत कराने की द‍िशा में 6 सदस्यीय 'एक्‍सपर्ट कमेटी' का गठन क‍िया गया था. कोर्ट की ओर से एक्‍सपर्ट डॉक्टरों के इस पैनल का गठन गत 13 फरवरी को इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज (आईएलबीएस) के चांसलर डॉ. एसके सरीन की अध्यक्षता में क‍िया गया था. कमेटी की ओर से दी गई स‍िफार‍िशों को एक तय समय सीमा के भीतर लागू कराने के न‍िर्देश दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को द‍िए गए हैं.

आईसीयू बेड और वेंट‍िलेटर की कमी हुई थी उजागर: हाईकोर्ट ने 2017 में एक मीड‍िया र‍िपोर्ट पर स्‍वत: संज्ञान ल‍िया था, ज‍िसमें सरकारी अस्पतालों में गहन देखभाल यून‍िट (आईसीयू) में बिस्तरों और वेंटिलेटर की कथित कमी को उजागर क‍िया गया था. इस कमी की वजह से एक घायल शख्‍स को तीन सरकारी अस्‍पतालों में इलाज नहीं म‍िला था, जो पीसीआर वैन से कूदने की वजह से गंभीर रूप से घायल हो गया था. इसके बाद उसकी मौत हो गई थी. कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्‍वत: संज्ञान ल‍िया था.

न‍िर्धारित समय सीमा में लागू करनी होंगी स‍िफार‍िशें: कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने 16 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि चूंकि तीस दिनों के भीतर कार्यान्वयन के लिए तत्काल उपायों की सिफारिश की गई है. यह अदालत दि‍ल्‍ली के मुख्य सचिव और प्रिंसिपल स्वास्थ्य सचिव को विशेषज्ञ समिति की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर उक्त उपायों को लागू करने का निर्देश देती है.

चार सप्‍ताह में पेश करनी होगी स्‍टेट्स र‍िपोर्ट:हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि वे विशेषज्ञ समिति की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर 'मध्यवर्ती और दीर्घकालिक उपायों' को 'कार्यान्वित' करने का इरादा रखने वाला 'रोड मैप' भी तैयार करें. इस मामले पर सख्‍त रुख अपनाते करते हुए अदालत ने प्रधान सच‍िव (स्वास्थ्य) को 4 सप्ताह के भीतर कार्रवाई और स्‍टेट्स र‍िपोर्ट दाखिल करने के भी न‍िर्देश द‍िए हैं.

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24 मई को हाईकोर्ट में होगी अगली सुनवाई:कोर्ट ने यह साफ कर द‍िया है क‍ि यह स‍िफार‍िशें लोगों के जीवन को बचाने में मदद करेंगी. इसका राजनीत‍ि से कोई सरोकार नहीं है. अदालत न‍िर्देश देती है क‍ि इस मामले में आदर्श आचार संह‍िता की वजह से क‍िसी प्रकार की कोई बाधा उत्‍पन्‍न नहीं होगी. इसके बाद बेंच ने हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को 16 अप्रैल के आदेश की एक कॉपी भारत के चुनाव आयोग को जानकारी के लिए भेजने का निर्देश भी दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी.

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