नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने निगमायुक्त अश्वनी कुमार की ओर से साल 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान और 2025-26 बजट अनुमान सदन में पेश करने और कोई नया कर न लगाने के प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि निगमायुक्त ने जनता को राहत दी है लेकिन आप सरकार ने निगम एक्ट की जो धज्जियां उड़ाई है सदन उसका गवाह रहा. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि निगमायुक्त को बजट स्थायी समिति के सामने 10 दिसंबर तक पेश करना होता है. स्थायी समिति के सभी सदस्यों का निर्वचान होने के बाद भी आप सरकार ने समिति का गठन नहीं किया. जिसकी वजह से निगमायुक्त को उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मंजूरी लेकर सदन में बजट पेश करना पड़ा.
आप सरकार ने विकास कार्यों को रोका: उन्होंने कहा कि स्थायी समिति का गठन न करके आप सरकार ने विकास कार्यों को रोक दिया है. दिल्ली को दस साल पीछे कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप सरकार जब से आई है उसने निगम एक्ट की धज्जियां उड़ा दी है. न तो अभी तक तदर्थ और विशेष समितियों का गठन हुआ है और न ही वैद्यानिक शिक्षा और ग्रामीण समिति को आप ने बनाया है. स्थायी समिति का गठन भी लंबित हैं. इसलिए मजबूरन निगमायुक्त ने बजट को सदन में सीेधे पेश किया. अब वार्ड कमेटियों और वैद्यानिक कमेटियों में बजट पर चर्चा नहीं हो पाएगी. जिसकी वजह से इलाकों में जो समस्या पार्क, सफाई और नाली व सड़कों की है उनका समाधान भी नहीं हो सकेगा.
आप सरकार ने जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया: उन्होंने कहा कि वार्ड कमेटियां अपने क्षेत्र की समस्याओं के अनुरूप प्रस्ताव स्थायी समिति को भेजते हैं और इसके लिए फंड लेते हैं. पर इस बार ऐसा नहीं हो सका है. अब सीधे आप सरकार सदन से बजट पास करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह आप सरकार की नाकामी है कि जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कराया है.
भाजपा करेगी जनता की समस्याओं का समाधान: नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आप सरकार विधानसभा चुनाव में जनमत खो चुकी है और आप के निगम पार्षदों पर भी जनता को विश्वास नहीं रहा है. जो पार्षद आप में काम नहीं होने से दुखी है और वह जनता के हित के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं. अब भाजपा को जैसे ही निगम में सेवा का मौका मिलेगा वैसे ही जनता की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. साथ ही वार्ड कमेटियों से लेकर तदर्थ और विशेष समितियों का गठन भी होना चाहिए ऐसा हमारा मानना है. निगम का हर पार्षद इन कमेटियों के जल्द से जल्द गठन की इच्छा रखता है. इसमें आप के पार्षद भी है लेकिन पार्टी के दवाब में वह सार्वजनिक रूप से नहीं बोल पाते हैं.