नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आशा किरण केंद्र में हुई मौतों के मामले की सुनवाई करते हुए सेंटर में इसकी क्षमता से ज्यादा रह रहे लोगों को दूसरी जगह ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव पेश हुए.
हाईकोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि आगे और कोई मौत हो. आशा किरण केंद्र पर रह रहे लोगों की सख्या कम करने की जरूरत है. क्योंकि इस सेंटर की क्षमता अभी 570 है. जबकि, सेंटर में अभी लोगों की संख्या 928 है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये बताया गया कि दिल्ली नगर निगम के कुछ भवन खाली पड़े हैं. तब हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो दिल्ली नगर निगम के खाली पड़े भवनों का इस्तेमाल करे और आशा किरण में क्षमता से ज्यादा रह रहे लोगों को वहां शिफ्ट किया जाए.
7 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली के उप-राज्यपाल से मिले और उनके आर्थिक मदद मांगें ताकि संविदा पर कर्मचारी रखें जा सकें और स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके. इसके पहले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा था कि सरकार द्वारा संचालित केंद्र में एक महीने में 14 मौतें महज संयोग नहीं हो सकती हैं.