नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में बुधवार को हुए वार्ड कमेटी चुनाव में भाजपा ने 12 में से सात वार्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य पद पर जीत दर्ज की. आम आदमी पार्टी को पांच वार्डों में ही जीत पर संतुष्ट होना पड़ा. सिविक सेंटर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के सांसद व केंद्रीय मंत्री समेत अन्य नेता नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय पर हमलावर दिखे. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की मेयर शैली ओबेरॉय यह चुनाव नहीं करना चाहती थी ऐसे में उन्होंने पीठासीन अधिकारी तक नियुक्त नहीं किया. डेढ़ साल की देरी से यह चुनाव हुआ जिसकी वजह से दिल्ली के विकास कार्य रुके रहे.
पूर्वी दिल्ली से सांसद और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि आज के नतीजे से ज्यादा महत्वपूर्ण आम आदमी पार्टी का व्यवहार है. जिस तरीके से दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी के आने के बाद से कोई काम नहीं किया. नगर निगम में आने के बावजूद भी दिल्ली कूड़ा-कूड़ा हुई है. दिल्ली जलभराव से जूझ रही है. आम आदमी पार्टी के लोग किसी कानून को न मानने वाले लोग हैं. वार्ड समिति का चुनाव डेढ़ साल पहले हो जाना चाहिए था. दिल्ली के लोगों को जो मूलभूत सुविधा नगर निगम को देनी थी वह नहीं दे पा रहे हैं. नगर निगम के अंदर कोई निर्णय लेने वाली सबसे पावरफुल कमेटी स्टैंडिंग कमेटी होती है.
उन्होंने कहा कि मंगलवार को नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय को चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करना था. उन्होंने घोषित नहीं किया. यह इनका अराजक व्यवहार है. बाद में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को अपनी पावर का इस्तेमाल करना पड़ा और पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया. आज भी सभी डीसी को पत्र लिख रही है कि यह चुनाव नल एंड वाइड है. फिर इन्होंने अपने पार्षदों को चुनाव के लिए क्यों भेजा. आज के चुनाव में 7 वार्ड में भारतीय जनता पार्टी और पांच में आम आदमी पार्टी की जीत हुई है.