नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025की तारीखों की घोषणा कर दी है. आने वाले दिनों में दिल्ली में सियासी पारा चढ़ने जा रहा है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी जहां चौथी बार सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए जी जान से जुटी हुई है तो वहीं, मुख्य विपक्षी भाजपा और कांग्रेस भी इस बार किसी भी कीमत पर सत्ता में वापसी करने को बेताब है. ऐसे में अब उन विधानसभा सीटों के बारे में भी जानना जरूरी है, जिन पर कभी भाजपा नहीं जीती है. इन सीटों में मध्य दिल्ली की बल्लीमारान विधानसभा सीट भी शामिल है.
बल्लीमारान से जो जीता वो बना कैबिनेट मंत्री:
बल्लीमारान विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले नेता को दिल्ली में एक बार को छोड़कर हमेशा कैबिनेट मंत्री बनने का मौका मिला है. तीन बार शीला दीक्षित की सरकार में कांग्रेस के हारून युसुफ को कैबिनेट मंत्री बनने का मौका मिला तो वहीं दो बार से इस सीट से जीते आप विधायक इमरान हुसैन मंत्री हैं. इमरान हुसैन आम आदमी पार्टी की सरकार में मुख्य मुस्लिम चेहरा हैं.
बल्लीमारान विधानसभा सीट पर कुल कितने मतदाता हैं (ETV Bharat GFX)
बल्लीमारान सीट पर आठवीं बार कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता हारून यूसुफ को टिकट दिया है तो वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी तीसरी बार मौजूदा मंत्री इमरान हुसैन पर भरोसा जताया है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यह विधानसभा सीट चांदनी चौक लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. बल्लीमारान में ही प्रसिद्ध शायर मिर्जा गालिब की हवेली भी स्थित है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अब तक कौन कौन घोषित हुआ (ETV Bharat GFX)
जंगपुरा विधानसभा का क्षेत्रबल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अधिकांश पुरानी दिल्ली के इलाके आते हैं. इनमें किनारी बाजार, मीना बाजार सहित अन्य इलाके आते हैं. अभी तक मतदाताओं के हिसाब से यह दिल्ली का सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र था. लेकिन, अब चुनाव आयोग कि ओर से छह जनवरी को जारी की गई नई मतदाता सूची में इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ गई है. अब दिल्ली कैंट के बाद यह राजधानी की दूसरी सबसे कम मतदाता वाली विधानसभा सीट बन गई है.
बल्लीमारान विधानसभा सीट से अब तक कौन कितनी बार जीता (ETV Bharat GFX)
राजनीतिक इतिहास, भाजपा को कभी नहीं मिली जीतअगर इस सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां पर भाजपा को कभी जीत नहीं मिली है. अब तक हुए सात विधानसभा चुनाव में हर बार भाजपा प्रत्याशी को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा. पांच विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हारून युसुफ को जीत मिली तो भाजपा प्रत्याशी को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. इसके अलावा जब आम आदमी पार्टी दो बार जीती तो भी भाजपा प्रत्याशी को यहां दूसरा स्थान ही मिला. हालांकि, आम आदमी पार्टी की जीत से कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में किसे कितने वोट मिले थे (ETV Bharat GFX)
कांग्रेस का दबदबा 20 साल तक रहा
कांग्रेस की स्थिति दो बार वर्ष 2015 और 2020 के चुनाव में इतनी खराब रही कि दिग्गज हारून यूसुफ की जमानत तक जब्त हो गई. वर्ष 1993 में पहले विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस के हारून युसुफ के जीतने का सिलसिला शुरू हुआ तो वह 2013 तक जारी रहा. इसके बाद 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी इमरान हुसैन ने पहले चुनाव में 33,877 वोट से जीत दर्ज की तो वहीं, दूसरी बार 36,172 वोट से जीत दर्ज की. भाजपा प्रत्याशी ने इस सीट पर सिर्फ एक बार वर्ष 2008 में हारून युसुफ से थोड़ा मुकाबला किया था. तब भाजपा प्रत्याशी मोतीलाल सोधी 6,277 वोट से हारे थे. इस सीट पर भाजपा का अब तक का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. बल्लीमारान के अहम मुद्दे