नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आते जा रहे हैं, राजनितिक पार्टियों की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के नेता रैलियों पर रैलियां कर रहे हैं. राजधानी में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "कांग्रेस सबकी पार्टी है. कांग्रेस देश के अंदर रहने वाले प्रत्येक नागरिक के अधिकारों के लिए, उसकी सुरक्षा और सम्मान के लिए कटिबद्ध है. जो हमारा घोषणा पत्र है, उसके अंदर हमने साफ लिखा है कि दिल्ली में एससी, एसटी, अल्पसंख्यक और विकलांग वित्तीय विकास निगम को मजबूत करेंगे और व्यवसाय शुरू करने के लिए कम दर पर पैसा देंगे. उर्दू, पंजाबी और भोजपुरी शिक्षक के खाली पदों को हम प्राथमिकता के आधार पर बनने का काम करेंगे. 'सच्चर कमेटी' की रिपोर्ट के अनुसार UPA सरकार द्वारा बनाए गए 15 बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. दिल्ली में मदरसों के विकास में आने वाली बाधाओं को चरणबद्ध तरीके से दूर करेंगे."
'हर वर्ग के लिए काम किया जाएगा':इमरान मसूद ने कहा, "वक्फ बोर्ड का गठन कर इमाम और मुअज़्ज़िन को मिलने वाले भत्तों का समय से निस्तारण कराएंगे. पंजाबी अकादमी को पुनर्जीवित करेंगे, और उसे पहले जैसा महत्त्व देंगे. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पंजाबी चेयर की स्थापना को फाइनेंस करने का काम किया जाएगा. गुरु तेग़ बहादुर के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित करेंगे, जिसमें संग्रहालय और एक डिजिटल लाइब्रेरी होगी. हम जैन वेलफेयर बोर्ड की स्थापना करेंगे, जैसा हमने राजस्थान में किया है.
15 सूत्रीय कार्यक्रम को दिल्ली में लागू किया जाएगा:कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "हम सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार UPA सरकार द्वारा बनाए गए 15 सूत्रीय कार्यक्रम को दिल्ली में लागू करेंगे. एक तरफ नरेंद्र मोदी कहते हैं- मैं चाहता हूं कि मुसलमान के बच्चों के एक हाथ में कुरान हो और एक हाथ में कंप्यूटर हो. लेकिन दूसरी तरफ BJP सरकार में अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप बंद कर दी गई. अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट को लगातार घटाया जा रहा. यही नहीं, दिल्ली की AAP सरकार का भी चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो चुका है."