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उम्रदराज लोग फिर हो जाएंगे जवान!, दिल्ली AIIMS ने उम्र को थामने के लिये शुरू किया शोध - Delhi AIIMS research to stop aging - DELHI AIIMS RESEARCH TO STOP AGING

Delhi AIIMS research to stop aging: देश का सबसे बड़ा अस्पताल दिल्ली एम्स व्यक्ति के शरीर के बूढ़े होने के राज को लेकर शोध करने जा रहा है. एम्स के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग ने इस शोध का हिस्सा बनने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है. इच्छुक परिवार ऐसे संपर्क कर सकते हैं...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 18, 2024, 2:14 PM IST

नई दिल्ली:हाल के वर्षों में, दीर्घायु और उम्र बढ़ने से संबंधित चर्चाएं काफी हुई हैं, क्योंकि दुनिया भर के शोधकर्ता लंबे, स्वस्थ जीवन के रहस्यों को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने की खोज ने गति पकड़ ली है, जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से नए शोध एवं अध्ययनों का मार्ग प्रशस्त हुआ है. वैसे भी बुढ़ापा बीमारियों का घर होता है और कोई भी व्यक्ति बुढ़ा नहीं होना चाहता है. अच्छी खबर यह है कि देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स दिल्ली में व्यक्ति के शरीर के बूढ़े होने के राज को लेकर शोध करने जा रहा है.

यह शोध एम्स में पहली बार किया जा रहा है:इस अनोखे शोध से व्यक्ति के स्वस्थ जीने के रहस्य, युवा और बुजुर्गों में होने वाले शारीरिक बदलाव सहित कई दूसरी जानकारी जुटाई जाएगी. यह शोध एम्स के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग द्वारा पहली बार किया जा रहा है. इस विभाग की ओर से आम लोगों से भी इस शोध का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है. जो व्यक्ति इस शोध का हिस्सा बनना चाहते हैं वे एम्स से संपर्क कर सकते हैं.

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युवा और बुजुर्ग के शरीर का होगा मूल्यांकन

जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. प्रसुन चटर्जी और वैज्ञानिक डॉ. राशि जैन ने बताया कि लोगों में बूढ़े होने पर क्या बदलाव होते हैं. एक परिवार के युवाओं और बुजुर्गों में क्या जेनेटिक अंतर होता है. किसी की उम्र उसके शरीर के अनुसार से ज्यादा और कम क्यों दिखती है. इसको लेकर अध्ययन किया जाएगा. व्यक्ति की वार्षिक उम्र और बायोलॉजिकल उम्र के बीच कितना अंतर है, उसको लेकर शोध करेंगे. युवा और बुजुर्ग के शरीर के मेटाबॉलिज्म को लेकर मूल्यांकन होगा.

एक ही परिवार के अलग-अलग उम्र के सदस्यों पर होगा शोध:डॉ. प्रसून ने बताया कि यह शोध एक ही परिवार के अलग-अलग उम्र के सदस्यों पर किया जाएगा. तीन साल तक यह शोध चलेगा. अनुवांशिकी का सूक्ष्म विश्लेषण करेंगे. इसके लिए परिवार के 10-19 वर्ष के किशोर, 40-59 वर्ष के वयस्क, 60-79 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को शोध में शामिल किया जाएगा. टीम ऐसे परिवारों की तलाश कर रही है जिनमें सभी उम्र के सदस्य हों किशोर (10-19), माता-पिता और मध्यम आयु वर्ग के वयस्क (40-59), दादा-दादी (60-79), और यहां तक कि परदादा (80+). शोध का हिस्सा बनने के लिए इच्छुक परिवार 9599556056 और 9654936598 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

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