22 जनवरी को शुभ घड़ी में 'राम-सीता' ने लिया जन्म. देहरादूनः अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ. इस समारोह के दौरान न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी बृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए. भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान देश ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व राममय हो गया. इसी बीच 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान देश में लाखों की संख्या में शिशुओं ने जन्म लिया. ऐसे में इस दिन जब अयोध्या में भगवान राम का आगमन हुआ हो उस दिन बच्चों के जन्म पर उनके परिजन काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. साथ ही अपने बच्चों को काफी भाग्यशाली मान रहे हैं.
देश में हर दिन लाखों की संख्या में बच्चे जन्म लेते हैं और हर दिन कोई न कोई शुभ मुहूर्त होता है. लेकिन कई लोग अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही शिशुओं का जन्म चाहते थे. तमाम परिवार इस बात पर जोर दे रहे थे कि उनके घर में रामलला और माता सीता का जन्म हो. जिन लोगों के घर शिशुओं का जन्म हुआ, वे लोग अपने आप को काफी भाग्यशाली मान रहे हैं. साथ ही जन्म लेने वाले बेटे का नाम राम और बेटी का नाम सीता रखने की बात कह रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नवजात शिशु के परिजनों ने कहा कि वो इस बात से काफी खुश हैं कि उनके बेटे या बेटी का जन्म राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन हुआ है. परिजनों ने कहा कि वे अपने न्यू बॉर्न बेबी भगवार राम और माता सीता के रूप में देख रहे हैं.
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परिजन मान रहे शिशुओं को राम और सीता का अवतार: देहरादून की रहने वाली नीतू ने बताया कि उनकी एक बेटी है और अब उनके घर बेटे ने जन्म लिया है. ऐसे में वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपने घर भगवान राम के अवतार में बेटे का जन्म बता रहे हैं. ऐसे में तमाम लोग इस दिन को और अधिक यादगार बनाने को लेकर अपने बच्चे का नाम भगवान राम और माता सीता के नाम पर रख रहे हैं.
3 अस्पताल में 14 बेटों और 20 बेटियों ने लिया जन्म: देहरादून के अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, 22 जनवरी को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में 5 बेटे और 9 बेटियों ने जन्म लिया. देहरादून कोरोनेशन जिला अस्पताल में 8 बेटियों और 5 बेटों ने जन्म लिया है. इसी क्रम में देहरादून स्थित इंद्रेश अस्पताल में चार बेटे और तीन बेटियों ने जन्म लिया. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए देहरादून जिले के सीएमओ संजय जैन ने बताया कि जिले में 22 जनवरी को कितने बच्चे पैदा हुए इसकी अभी सटीक जानकारी मिलना मुश्किल है. क्योंकि सभी अस्पतालों का रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुआ है. इसके साथ ही निजी अस्पतालों का रिकॉर्ड भी काफी देरी से ही प्राप्त होता है.