लखनऊ :रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज विपक्ष में जितनी भी पार्टियां हैं, वह केवल राजनीति करने के लिए और अपनी सरकार बनाने के लिए काम करती हैं. लेकिन हम लोग राष्ट्र निर्माण और समाज के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत का मस्तिष्क हमेशा ऊंचा रहे इसको लेकर हमारी सरकार लगातार काम कर रही है. राजनाथ सिंह बुधवार को गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पीएम सूरज पोर्टल लॉन्चिंग कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभागार में मौजूद लोगों को संबोधित किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने आयुष्मान कार्ड, पीएम सम्मन निधि योजना, पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश के वंचित और पिछड़ों के लिए पूरी तरह से समर्पित है. बीते 10 वर्षों के भीतर हमारी सरकार ने गरीब, किसान, महिलाओं व नौजवानों के लिए बहुत काम किया है. आज शायद ही ऐसा कोई मिलेगा जो झुग्गी झोपड़ी में रहता हो. मुझे याद है कि जब हम जनसंघ और भाजपा में काम करते थे, लेकिन आज मैं देखता हूं कि शायद ही किसी के पास झुग्गी झोपड़ी बची हो. आज सभी के पास अपने पक्के मकान हैं. यदि कोई छूट गया है तो अगले पांच वर्ष में उसे भी पक्का मकान मिल जाएगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में सामने आए कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया. सब ने कुछ न कुछ करने की कोशिश की है, लेकिन प्रश्न नीयत का है. जिस तरह प्रधानमंत्री ने पूरे जीवन भारत के लिए समर्पित किया है, शायद किसी प्रधानमंत्री ने किया हो.
हमारी नीयत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता :राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी नीतियों को लेकर सवाल कर सकते हैं, लेकिन हमारी नीयत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. सामान्य मैं किसी प्रधानमंत्री पर सवालिया निशान नहीं उठाता हूं, लेकिन मैंने देखा है कि कई सारी योजनाएं बनती थीं, लेकिन अधिकांश लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था. जितना सरकार तय करती थी उसका एक चौथाई ही आम लोगों तक पहुंचता था. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने एक बार चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि मैं दिल्ली से 100 पैसे भेजता हूं. वह आम लोगों तक पहुंचते पहुंचते 14 पैसे ही रह जाता है. 86 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने उनकी पीड़ा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया. एक ऐसा सिस्टम दिया कि दिल्ली से 100 पैसा चलता है तो आपके खाते में पूरा 100 पैसा पहुंचता है. यह उनका काम करने का तरीका है. उन्होंने सीधे हिंदुस्तान के गरीबों को सरकार से जोड़ने का काम किया है. कांग्रेस के जमाने में भी कानून बनता था, लेकिन कानून बनाने से काम नहीं चलता. हमने कानून को प्रभावित तरीके से लागू किया और लगातार इसकी मॉनीटरिंग की.
टीएन बाजपेई की प्रतिमा का अनावरण