लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की. हितों और 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.
लखनऊ में संयुक्त कमांडर सम्मेलन (Photo credit: ETV Bharat) सम्मेलन की थीम 'सशक्त और सुरक्षित भारत : सशस्त्र बलों में बदलाव' पर राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक शांति प्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है. उन्होंने संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने और भविष्य में होने वाले युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया. किसी भी तरह के उकसावे पर तत्काल रिएक्शन देने के लिए बात कही.
औपनिवेशिक प्रथाएं और सशस्त्र बल- एक समीक्षा लांच की (Photo credit: ETV Bharat) उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में साइबर और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं के रणनीतिक महत्व पर विशेष ध्यान दिया जाए, जो भविष्य के संघर्षों की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है जो तेजी से कई डोमेन में फैल जाएंगे. सम्मेलन ने कमांडरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया. देश की रक्षा क्षमताओं को और बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा हुई. रक्षामंत्री ने ई-संग्रहालय और ई-ग्रन्थालय सहित आठ नवोन्मेषी अनुप्रयोगों के साथ-साथ 'औपनिवेशिक प्रथाएं और सशस्त्र बल- एक समीक्षा' पर एक प्रकाशन भी लॉन्च किया, जो तीनों सेनाओं के बीच अधिक सामंजस्य और तालमेल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सम्मेलन में देश के संयुक्त शीर्ष-स्तरीय सैन्य नेतृत्व को एक साथ लाया गया, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में राष्ट्र के लिए वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया. समकालीन मुद्दों जैसे रंगमंचीकरण, स्वदेशीकरण, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सक्षम स्वायत्त हथियार प्रणालियों के क्षेत्र सहित तकनीकी विकास के व्यापक स्पेक्ट्रम पर फैला हुआ है.
सम्मेलन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व अन्य (Photo credit: ETV Bharat)
सम्मेलन में राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी उपस्थित थे. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ नितेन चंद्रा, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और अध्यक्ष डीआरडीओ डॉ समीर वी कामत, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) सुगाता घोष दस्तीदार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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