प्रयागराज: पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी कांड में सात साल की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर बुधवार को बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गई है. अब गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से दलील पेश की जाएगी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की पीठ कर रही है. इरफान सोलंकी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता जी एस चतुर्वेदी, इमरान उल्ला और उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की.
बचाव पक्ष ने कहा कि मुकदमा वादिनी नजीर फातिमा के बयान संदेहास्पद हैं. कहा कि फातिमा के 161, 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिए गए बयान गवाही और जिरह के बयान में गंभीर विरोधाभास है. फातिमा ने गवाही में कहा है कि वह मौके पर तब पहुंची तब तक झोपडी में आग लग चुकी थी. उसे नहीं मालूम कि आग कब और कैसे लगी और किसने लगाई. इरफान सोलंकी को राजनीतिक कारणों से मुकदमे में झूठा फंसाया गया है.
इसके विपरीत राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड और अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम जेके उपाध्याय ने बहस की. हालांकि उन्होंने विस्तार से दलील पेश करने के लिए बृहस्पतिवार तक की मोहलत मांगी, जिसे पर कोर्ट ने मामले को छह नवंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील के एम नटराजन व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल भी सरकार का पक्ष रखेंगे.