इंदौर।इस साल दीपावली मनाने की तिथि को लेकर पंडितों व ज्योतिषाचार्यों के बीच कई दिनों से मंथन चल रहा है. दीपावली की तिथि को लेकर ज्योतिषाचार्यों व पंचाग बनाने वाले आचार्यों के बीच मतभेद होने के कारण ये साफ नहीं रह रहा था कि आखिर किस दिन दीपावली है और लक्ष्मी पूजन करना है. इसी मामले के समाधान के लिए सोमवार को इंदौर में प्रमुख विद्वानों ने बैठक की. बैठक में सभी ने अपने-अपने मत रखे. इसके बाद सभी एक मत पर राजी हुए. सभी ने अपनी-अपनी गणना करके एक तिथि तय की.
ज्योतिषाचार्यों और पंचाग बनाने वालों ने किया मंथन
प्रमुख ज्योतिषाचार्यों के बीच हुई चर्चा के बाद ये निष्कर्ष निकाला गया कि दीपावली एक नवंबर को ही भव्यता के साथ मनाई जाएगी. इंदौर में हुई इस बैठक में कई ज्योतिषाचार्य और पंचाग बनाने वाले कई आचार्य शामिल हुए. बैठक में शास्त्रों के मुताबिक यह चर्चा हुई कि प्रदोष की अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है. लेकिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन प्रदोष अमावस्या आ रही है. इसके चलते दीपावली किस दिन मनाई जानी चाहिए.
प्रदोष काल में अमावस्या है तो उसी तिथि में दीप पर्व
धर्म शास्त्रों के मुताबिक दूसरे दिन प्रदोष काल में अमावस्या है तो उसी तिथि में दीप पर्व मनाना चाहिए. अतः बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि दूसरे दिन प्रदोष अमावस्या है और उसी दिन देशभर में दीपावली पर्व मानना चाहिए. बैठक के बाद सभी ने अन्य जगह के भी विद्वानों और आचार्यों से आह्वान किया कि 1 नवंबर को ही दीपोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाए. इंदौर के प्रमुख आचार्य वेद प्रकाश वैदिक ने बताया "एक नवंबर को दीपावली पर्व मनाने पर सहमति हुई है."