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छात्रा का कमाल : 10 गुना कम लागत से तैयार किया नैपकिन इंसीनरेटर, संक्रमण फ्री होगा निस्तारण - Napkin Incinerator - NAPKIN INCINERATOR

Sanitary Napkin Incinerator, राजस्थान में सरकारी स्कूल की एक छात्रा ने कमाल कर दिखाया है. उसने बाजार से 10 गुना कम लागत में नैपकिन इंसीनरेटर तैयार किया है, जिससे इन्फेक्शन फ्री तरीके से सेनेटरी नैपकिन का निस्तारण किया जा सकेगा. आइए जानते हैं, छात्रा ने किस तरीके से यह इंसीनरेटर तैयार किया है...

Sanitary Napkin Incinerator
सरकारी स्कूल की छात्रा का कमाल (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 15, 2024, 6:33 AM IST

छात्रा ने किस तरीके से इंसीनरेटर तैयार किया, सुनिए... (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर. स्कूलों में सरकार ने छात्राओं के लिए सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन इनके संक्रमण फ्री तरीके से निस्तारण के कोई इंतजाम नहीं किए गए. छात्राओं की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकारी विद्यालय की एक छात्रा ने सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर तैयार किया है. खास बात यह है कि जहां यह इंसीनरेटर इन्फेक्शन फ्री तरीके से नैपकिन का निस्तारण कर सकेगा, वहीं इसकी बनाने की लागत बाजार में मिलने वाले नैपकिन इंसीनरेटर से 10 गुना कम आई है.

ऐसे किया तैयार : इंस्पायर अवार्ड मानक योजना प्रदर्शनी में भरतपुर के मास्टर आदित्येंद्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आई छात्रा सोनिया शर्मा ने सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर का मॉडल लगाया. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय थून की 12वीं कक्षा की छात्रा सोनिया ने बताया कि बाजार में सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर 10 हजार रुपये या इससे भी अधिक कीमत में मिलता है, लेकिन उन्होंने बहुत ही सामान्य से संसाधनों का इस्तेमाल कर सिर्फ 1 हजार रुपये के खर्चे पर नैपकिन इंसीनरेटर तैयार किया है. छात्रा सोनिया ने बताया कि लोहे के एक टिन में दो इलेक्ट्रिक रॉड को फिट किया गया है.

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ऐसे करेगा काम : छात्रा सोनिया ने बताया कि सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर में 500-500 वॉट की दो रॉड लगाई है. दोनों रॉड लोहे के टिन के अंदर सुरक्षित तरीके से फिट की गई हैं. इसमें सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है. छात्राएं इसमें इस्तेमाल किए हुए नैपकिन को डालेंगी तो वो इन्फेक्शन फ्री तरीके से जलकर नीचे उसकी राख निकल जाएगी. खास बात यह है कि बाजार में मिलने वाले सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर की रॉड खराब होने पर या तो उसकी रॉड को बदला ही नहीं जा सकता या फिर रॉड बदलान बहुत मुश्किल होता है. जबकि इस इंसीनरेटर की रॉड यदि खराब हो जाए तो उसे आसानी से बदला जा सकता है.

इसलिए महसूस हुई जरूरत : छात्रा सोनिया ने बताया कि सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों में सेनेटरी नैपकिन की मशीन तो लगाई हैं, लेकिन यूज किए गए नैपकिन के निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में छात्राएं कई बार इस्तेमाल किए नैपकिन को खुले में फेंक देती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा रहता है. सरकारी विद्यालयों को बाजार से खरीदकर इंसीनरेटर लगाना महंगा साबित होता है. बाजार में या ऑनलाइन सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर 10 हजार रुपये या उससे भी महंगा पड़ता है. ऐसे में यह सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर बहुत ही किफायती (सिर्फ 1 हजार रुपये लागत) और इस्तेमाल करने में आसान है.

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