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विवादों से घिरी एसआई भर्ती निरस्त होने पर संशय बरकरार, पीएचक्यू ने ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने के दिए आदेश - SI RECRUITMENT CASE

एसआई भर्ती को निरस्त करने की मांग कर रहे युवाओं ने भजनलाल सरकार पर साधा निशाना.

RAJASTHAN PAPER LEAK CASE
एसआई भर्ती निरस्त होने पर संशय बरकरार (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 1, 2025, 1:27 PM IST

जयपुर : पेपर लीक और धांधली के आरोपों से घिरी उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 निरस्त होगी या नहीं इस सवाल की गुत्थी सुलझने की बजाए उलझती जा रही है. एक तरफ इस भर्ती को निरस्त करने की मांग उठ रही है, तो दूसरी तरफ भर्ती निरस्त नहीं करने के लिए चयनित एसआई के परिजन भी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस बीच पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें एसआई भर्ती-2021 के चयनित अभ्यर्थियों को संबंधित जिलों में भेजने के आदेश दिए गए हैं.

पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के एडीजी बिपिन कुमार पांडेय ने यह आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के अनुसार एसआई भर्ती-2021 के चयनित अभ्यर्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए रेंज व जिलों में भेजा जा रहा है. प्रशिक्षु एसआई को जिलों का आवंटन पहले ही हो चुका है. खास बात यह है कि एसआई भर्ती पेपर लीक व धांधली के मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए एसआई को पहले ही उन्हें आवंटित जिलों में भेजा जा चुका है.

इसे भी पढ़ें - SI भर्ती रद्द करने की खबरों का मंत्री पटेल ने किया खंडन, बोले- कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी, अंतिम निर्णय वही करेंगे - SI RECRUITMENT EXAM

हालांकि, वे अभी व्यावहारिक ट्रेनिंग नहीं ले सकेंगे. इससे पहले उन्हें बेसिक ट्रैनिंग के दौरान परीक्षा पास करनी होगी. पुलिस मुख्यालय के इस आदेश के बाद एसआई भर्ती को निरस्त करने की मांग कर रहे युवाओं ने एक बार फिर भजनलाल सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

दरअसल, राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक और प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती के लिए 2021 में हुई एसआई भर्ती परीक्षा उस समय विवादों में आई थी. जब एसओजी ने इस परीक्षा के पेपर लीक मामले का खुलासा किया था. इसके बाद पहली बार राजस्थान पुलिस अकादमी में एसओजी ने छापेमारी की और कई ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया. इस मामले में 80 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें 50 से ज्यादा ट्रेनी एसआई हैं. हालांकि, 26 ट्रेनी एसआई को पिछले दिनों कोर्ट से जमानत मिल गई. पेपर लीक और धांधली के आरोपों के चलते एसआई भर्ती को निरस्त करने की मांग लगातार उठ रही है.

मंत्री किरोड़ीलाल लगातार कर रहे रद्द करने की मांग : एसआई भर्ती में एसओजी के खुलासे के बाद भजनलाल सरकार में मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस भर्ती को रद्द करने की मांग उठाई. उन्होंने एसओजी के अधिकारियों से मिलकर इस भर्ती में हुई धांधली के कई सबूत भी दिए. इसके बाद से किरोड़ीलाल मीणा कई बार इस भर्ती को रद्द करने की आवाज बुलंद कर चुके हैं. हालांकि, सरकार ने अभी इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.

इसे भी पढ़ें - SI भर्ती 2021 पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का बड़ा बयान, कहा- रद्द होनी चाहिए भर्ती - KIRODILAL MEENA BIG STATEMENT

जनवरी में सरकार को देना है हाईकोर्ट में जवाब : एसआई भर्ती-2021 का मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस पर फैसला कर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. इसके लिए कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में फैसला करने के आदेश दिए हैं. हालांकि यह समयावधि पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं. ऐसे में अब इस महीने इस मामले में सुनवाई होगी.

भर्ती निरस्त करने तक जारी रहेगी लड़ाई : राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज मीणा ने पुलिस मुख्यालय के इस आदेश के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम जांच करवा ली, कमेटी बना दी. गृह विभाग ने इस भर्ती को रद्द करने की अनुशंसा कर दी. इसके बावजूद अभी तक यह भर्ती रद्द नहीं होना युवाओं के हितों से खिलवाड़ है. जब भर्ती रद्द नहीं करनी थी तो जांच करवाने या कमेटी गठित करने का नाटक क्यों किया गया. उन्होंने चेतावनी दी है कि यह भर्ती रद्द होने तक यह संघर्ष जारी रहेगा.

जयपुर : पेपर लीक और धांधली के आरोपों से घिरी उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 निरस्त होगी या नहीं इस सवाल की गुत्थी सुलझने की बजाए उलझती जा रही है. एक तरफ इस भर्ती को निरस्त करने की मांग उठ रही है, तो दूसरी तरफ भर्ती निरस्त नहीं करने के लिए चयनित एसआई के परिजन भी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस बीच पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें एसआई भर्ती-2021 के चयनित अभ्यर्थियों को संबंधित जिलों में भेजने के आदेश दिए गए हैं.

पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के एडीजी बिपिन कुमार पांडेय ने यह आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के अनुसार एसआई भर्ती-2021 के चयनित अभ्यर्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए रेंज व जिलों में भेजा जा रहा है. प्रशिक्षु एसआई को जिलों का आवंटन पहले ही हो चुका है. खास बात यह है कि एसआई भर्ती पेपर लीक व धांधली के मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए एसआई को पहले ही उन्हें आवंटित जिलों में भेजा जा चुका है.

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हालांकि, वे अभी व्यावहारिक ट्रेनिंग नहीं ले सकेंगे. इससे पहले उन्हें बेसिक ट्रैनिंग के दौरान परीक्षा पास करनी होगी. पुलिस मुख्यालय के इस आदेश के बाद एसआई भर्ती को निरस्त करने की मांग कर रहे युवाओं ने एक बार फिर भजनलाल सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

दरअसल, राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक और प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती के लिए 2021 में हुई एसआई भर्ती परीक्षा उस समय विवादों में आई थी. जब एसओजी ने इस परीक्षा के पेपर लीक मामले का खुलासा किया था. इसके बाद पहली बार राजस्थान पुलिस अकादमी में एसओजी ने छापेमारी की और कई ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया. इस मामले में 80 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें 50 से ज्यादा ट्रेनी एसआई हैं. हालांकि, 26 ट्रेनी एसआई को पिछले दिनों कोर्ट से जमानत मिल गई. पेपर लीक और धांधली के आरोपों के चलते एसआई भर्ती को निरस्त करने की मांग लगातार उठ रही है.

मंत्री किरोड़ीलाल लगातार कर रहे रद्द करने की मांग : एसआई भर्ती में एसओजी के खुलासे के बाद भजनलाल सरकार में मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस भर्ती को रद्द करने की मांग उठाई. उन्होंने एसओजी के अधिकारियों से मिलकर इस भर्ती में हुई धांधली के कई सबूत भी दिए. इसके बाद से किरोड़ीलाल मीणा कई बार इस भर्ती को रद्द करने की आवाज बुलंद कर चुके हैं. हालांकि, सरकार ने अभी इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.

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जनवरी में सरकार को देना है हाईकोर्ट में जवाब : एसआई भर्ती-2021 का मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस पर फैसला कर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. इसके लिए कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में फैसला करने के आदेश दिए हैं. हालांकि यह समयावधि पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं. ऐसे में अब इस महीने इस मामले में सुनवाई होगी.

भर्ती निरस्त करने तक जारी रहेगी लड़ाई : राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज मीणा ने पुलिस मुख्यालय के इस आदेश के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम जांच करवा ली, कमेटी बना दी. गृह विभाग ने इस भर्ती को रद्द करने की अनुशंसा कर दी. इसके बावजूद अभी तक यह भर्ती रद्द नहीं होना युवाओं के हितों से खिलवाड़ है. जब भर्ती रद्द नहीं करनी थी तो जांच करवाने या कमेटी गठित करने का नाटक क्यों किया गया. उन्होंने चेतावनी दी है कि यह भर्ती रद्द होने तक यह संघर्ष जारी रहेगा.

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