लखनऊ: समाजवादी पार्टी के बागी विधायक अभय सिंह पर 2010 में दर्ज हुए हत्या के प्रयास के केस में आज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी. इससे पहले इस केस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दो अलग-अलग फैसले सुनाए थे. एक जज ने अभय सिंह को केस से बरी कर दिया था, जबकि दूसरे जज ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद मामला चीफ जस्टिस के पास चला गया.
वर्ष 2010 में विकास सिंह की हत्या के प्रयास के मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 20 दिसम्बर 2024 को फैसला सुनाया था. बेंच के एक जज अभय श्रीवास्तव ने विधायक अभय सिंह को इस केस से बरी कर दिया. जबकि दूसरे जज मसूदी ने तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. एक मामले में दोनों जज की एक राय न बनने पर यह मामला चीफ जस्टिस की कोर्ट में चला गया. हालांकि, चीफ जस्टिस ने यह मामला न्यायाधीश राजन रॉय की कोर्ट को ट्रांसफर किया है.
बता दें, 2023 में अम्बेडकरनगर की एमपी एमएलए कोर्ट ने अभय सिंह समेत सभी अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. जिसके बाद विकास सिंह ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां डबल बेंच फैसला सूना चुकी है. हालांकि एक मत न होने पर फैसला आने में वक्त लग सकता है.
बता दें कि जस्टिस मसूदी का फैसला, जिसमें विधायक अभय सिंह को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है, यदि यह चीफ जस्टिस की कोर्ट में बना रहता है तो अभय की विधायकी जा सकती है. अभय सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि, कोर्ट का जो फैसला आया है उसका वो सम्मान करते है, चूंकि दोनों जज की एक राय नहीं बनी है, ऐसे में अब चीफ जस्टिस के फैसले का इंतजार है.
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