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ITM कॉलेज के छात्रों ने बनायी हाईटेक गन, भेड़िए और तेंदुए पकड़ने में होगी आसानी - RADIO INTERNET SENSOR GUN

उत्तराखंड सरकार सहित वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इस प्रोजेक्ट की खूब सराहना की.

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अंशित श्रीवास्तव और श्याम ने बनायी स्पेशन गन (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 3:27 PM IST

गोरखपुर : यूपी के गोरखपुर जिले के ITM इन्जीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक ऐसी आधुनिक बंदूक बनायी है, जिससे भेड़िए और तेंदुए आसानी से पकड़ में आ जाएंगे. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, गोरखपुर के दो छात्र अंशित श्रीवास्तव और श्याम ने इसे बनाया है. इस गन का नाम रेडियो इंटरनेट सेंसर गन है. यह तेंदुए, भेड़ियों समेत आदमखोर जानवरों को ट्रैक कर पकड़ने में मदद कर सकती है.

इससे खेतों में फसल की जंगली जानवरों से सुरक्षा भी होगी. छात्र अंशित ने बताया उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई जगहों पर आदमखोर तेंदुओं और भेड़ियों का आतंक देखने को मिला. इसके बाद उनके मन में ऐसी गन बनाने का विचार आया. आदमखोर जानवरों के हमले से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.

वन विभाग के नंबर पर सूचना भी देगी यह एडवांस गन: अंशित श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में (यूथ आइकॉन नेशनल अवार्ड सेरमनी) में उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया था. इसमें चीफ गेस्ट उत्तराखंड सरकार के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के ने इस प्रोजेक्ट को खूब सराहा. अंशित और श्याम का बनाया हुई ये सेंसर कैमरा गन, भेड़ियों को दूर से डिटेक्ट कर जंगलों या खेतों में देखते हीं उनपर लकड़ी सें बनी गोलियां फायर कर उनको घायल कर देगी.

इसके साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को भी उनके नंबर पर सूचना देगी. इससे वन विभाग के अधिकारी जंगल के अंदर घूमने वाले आदमखोर भेड़ियों पर अपने मोबाइल से ही निशाना साधकर उन्हें बेहोश कर पकड़ सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस उपकरण को बनाने में 5 महीने का समय लगा और लगभग 80 हजार रुपये का खर्च आया. इसे बनाने में, रेडियो सिग्नल, इंटरनेट चिप, गियर मोटर, सोलर गन सिस्टम किट, ऑर्डिनो, कैमरा, ऑनलाइन कैमरे, इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया है.

संस्थान के निदेशक डॉ एन.के सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज के छात्र अपने आइडिया को नवाचार प्रयोगशाला के माध्यम से देश एवं समाज के हित के लिए ऐसे उपकरण बनाते रहते हैं, जो आज की नई तकनीकी पर आधारित है. इसके पूर्व भी कई ऐसे प्रोजेक्ट बने हैं जिसकी सराहना हुई है. छात्रों के इस प्रयास को संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने खूब तारीफ की.

यह भी पढ़ें : काशी में बनेगा देश का पहला हिंदी साहित्य भाषा म्यूजियम, साहित्यकारों के जीवन, दस्तावेज संग पांडुलिपियों का होगा दर्शन

गोरखपुर : यूपी के गोरखपुर जिले के ITM इन्जीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक ऐसी आधुनिक बंदूक बनायी है, जिससे भेड़िए और तेंदुए आसानी से पकड़ में आ जाएंगे. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, गोरखपुर के दो छात्र अंशित श्रीवास्तव और श्याम ने इसे बनाया है. इस गन का नाम रेडियो इंटरनेट सेंसर गन है. यह तेंदुए, भेड़ियों समेत आदमखोर जानवरों को ट्रैक कर पकड़ने में मदद कर सकती है.

इससे खेतों में फसल की जंगली जानवरों से सुरक्षा भी होगी. छात्र अंशित ने बताया उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई जगहों पर आदमखोर तेंदुओं और भेड़ियों का आतंक देखने को मिला. इसके बाद उनके मन में ऐसी गन बनाने का विचार आया. आदमखोर जानवरों के हमले से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.

वन विभाग के नंबर पर सूचना भी देगी यह एडवांस गन: अंशित श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में (यूथ आइकॉन नेशनल अवार्ड सेरमनी) में उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया था. इसमें चीफ गेस्ट उत्तराखंड सरकार के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के ने इस प्रोजेक्ट को खूब सराहा. अंशित और श्याम का बनाया हुई ये सेंसर कैमरा गन, भेड़ियों को दूर से डिटेक्ट कर जंगलों या खेतों में देखते हीं उनपर लकड़ी सें बनी गोलियां फायर कर उनको घायल कर देगी.

इसके साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को भी उनके नंबर पर सूचना देगी. इससे वन विभाग के अधिकारी जंगल के अंदर घूमने वाले आदमखोर भेड़ियों पर अपने मोबाइल से ही निशाना साधकर उन्हें बेहोश कर पकड़ सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस उपकरण को बनाने में 5 महीने का समय लगा और लगभग 80 हजार रुपये का खर्च आया. इसे बनाने में, रेडियो सिग्नल, इंटरनेट चिप, गियर मोटर, सोलर गन सिस्टम किट, ऑर्डिनो, कैमरा, ऑनलाइन कैमरे, इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया है.

संस्थान के निदेशक डॉ एन.के सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज के छात्र अपने आइडिया को नवाचार प्रयोगशाला के माध्यम से देश एवं समाज के हित के लिए ऐसे उपकरण बनाते रहते हैं, जो आज की नई तकनीकी पर आधारित है. इसके पूर्व भी कई ऐसे प्रोजेक्ट बने हैं जिसकी सराहना हुई है. छात्रों के इस प्रयास को संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने खूब तारीफ की.

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