डेथ ऑडिट कमेटी की जांच के बाद ही होगी हीट स्ट्रोक से मौतों की पुष्टि. (ETV Bharat jaipur) जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा है कि हीटवेव को लेकर राजस्थान रेड अलर्ट श्रेणी में है और मौसम विभाग ने आगामी समय में अत्यधिक गर्मी एवं लू की चेतावनी दी है. जहां भी हीटवेव को लेकर आवश्यक व्यवस्थाओं में गेप है, वहां 3 दिन के भीतर सम्पूर्ण व्यवस्थाएं सुचारू करें, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारी और कार्मिक के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा.
शुभ्रा सिंह ने शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों एवं हीट वेव प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों एवं हीट वेव प्रबंधन को लेकर चिकित्सा संस्थानों में किसी तरह की कमी नहीं रहे. किसी भी स्तर पर लापरवाही के कारण मरीजों को होने वाली असुविधा बर्दाश्त नहीं की जा जाएगी. उन्होंने संयुक्त निदेशक जोन को निर्देश दिए कि मौसमी बीमारियों एवं हीट वेव संबंधी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि तात्कालिक आवश्यकताओं को देखते हुए आरएमआरएस की बैठक तुरंत कर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. उन्होंने बताया कि आचार संहिता के चलते आरएमआरएस की बैठकें नहीं हो पा रही थीं. इसके चलते चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक संसाधनों की खरीद एवं अन्य कार्य बाधित हो रहे थे, लेकिन तात्कालिक आवश्यकताओं को देखते हुए चुनाव आयोग की सहमति के अनुसार ये बैठकें आयोजित की जा सकती हैं.
इसे भी पढ़ें-आसमान से आग उगल रहा है सूरज, जोधपुर संभाग में टेंपरेचर का टॉर्चर जारी, भीषण लू की चपेट में राजस्थान - Heat Wave In Rajasthan
डेथ ऑडिट कमेटी करेगी जांच :वहीं, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ वीके माथुर ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में होने वाली मौतों की डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार जांच की जाएगी. इसके बाद ही हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी रोगी के मृत्यु के कई कारण हो सकते हैं. इसलिए डेथ ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही यह घोषित किया जाए कि मौत का कारण हीट स्ट्रोक है. डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि हीटवेव को लेकर मार्च माह से ही ट्रेनिंग, कार्यशाला आदि कार्यक्रम शुरू कर दिए गए थे. सभी चिकित्सा संस्थानों को तैयारियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों को लेकर अप्रैल माह में ही गेप एनालिसिस कर लिया गया था. इन तैयारियों के कारण जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक करीब 3500 चिकित्सा संस्थानों में से 90 प्रतिशत में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद स्थिति में हैं. शेष 10 प्रतिशत में भी अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक सुविधाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं.
पाली में मां-बेटे की मौत हीट स्ट्रोक के कारण नहीं :शुभ्रा सिंह ने बताया कि पाली जिले के देसूरी ब्लॉक के गुडा मंगलियान गांव में मां-बेटे की मृत्यु भीषण गर्मी के कारण नहीं हुई है. गांव के 38 वर्षीय समन्दर सिंह घर पर सो रहे थे. शरीर में हलचल नहीं देखकर परिवार वाले उन्हें सादड़ी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए भी मना कर दिया. मृतक में हीट स्ट्रोक से संबंधित कोई लक्षण नहीं पाया गया था. इसी प्रकार समन्दर सिंह की 80 वर्षीय मां राजू कंवर पहले से ही हृदय रोगी थीं. उन्हें सांस लेने में परेशानी और छाती में दर्द की शिकायत के बाद 23 मई को सादड़ी के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. उनकी 24 मई को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. मृत्यु का कारण चिकित्सक दल ने हृदय गति रुकना बताया है. उनकी मृत्यु भी हीट स्ट्रोक के कारण नहीं पाई गई.